यह नवल वर्ष
यह नवल वर्ष
यह नवल वर्ष
मन में भर दे
उत्साह और हर्ष
घटे निराशाओं का तम
हों कामयाब हम
स्वार्थ का दैत्य
कभी छल न सके
अब मंथरा
कोई चाल चल न सके
आशाओं के कँवल खिल जायें
निर्धारित लक्ष्य मिल जायें
हर स्वप्न संपूर्ण हो
कामना परिपूर्ण हो
सुदृढ़ और विश्वास हो
सार्थक हर प्रयास हो
उदय ज्ञान का आदित्य हो
प्रफुल्लित निरन्तर साहित्य हो
हर चेहरे पर बहार हो
यह नूतन वर्ष यादगार हो
फ़लक से बरसे
प्रेम का मेह
हृदय से उमड़े
स्नेह ही स्नेह…।
डॉ जसप्रीत कौर फ़लक
( लुधियाना )
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