Hindi Kavita | Hindi Poetry On Life -यह कैसा व्यवहार
यह कैसा व्यवहार ?
( Ye Kaisa Vyavahar )
मैं आपकी ( Main Aap ki ) जनम -जनम का प्रीति जुड़ा है । सर्वस्व आपसे पूरा है ।। धर्म, हे प्रभु! आप निभाइए। सुमा के भी नाथ कहाइए।। मांग सिंदुरी नित सजती रहे। पाँव पैंजनियाँ बजती रहे ।। कंगन भी मैं तो खनकाऊँ। नित मैं आपकी ही कहाऊँ।। भक्ति- धारा सदा बहाइए। सुमा के…
हमारा कश्मीर ( Hamara kasmir ) –> हमारे कश्मीर की धरती , रानी भारत देश की || 1.वो कश्मीर की यादें, वो सुनहरी वादियाँ | हो रही हों जैसे, बर्फीले पर्वतों की शादियाँ | वो ऊँचे लंबे सीधे-साधे , ब्रक्ष हरे देवदार है | बर्फ से लदे पत्ते, मानो कश्मीर मे त्योहार है |…
योगी बन ( Yogi Ban ) ध्यान धर चिंतन कर योगी बन तू कर्म योगी बन नित नव नूतन हर पल कर सफल अपना जीवन योगी बन नश्वर जगत नश्वर काया स्थिर नहीं कुछ सब माया सूक्ष्म अणु रूप प्राण पाया कर प्रज्ज्वलित मन चेतन योगी बन यह अनुपम जीव यात्रा देह जैसे अक्षर…
दिल को हारने से रोको जरा ( Dil ko harne se roko jara ) मेहनत का फल होता खरा अतीत हो कितना अंधेरा भरा आशा ने देखो उजाला करा मजदूर मेहनतकश देखो जरा लगन किसान की खेत है हरा सोकर उठो जागो देखो जरा जीवन में रुकना नहीं है भला कदमों को आगे बढ़ते चला…
पुस्तके ज्ञान का भंडार ( Pustake gyan ka bhandar ) बुद्धि दायिनी पुस्तकें सन्मार्ग दिखलाती है। अथाह ज्ञान सागर है दिव्य ज्योत जगाती है। प्रगति पथ को ले जाती सफलता दिलाती। कला कौशल हूनर मानव को सीखलाती। ज्ञान गुणों की खान है ग्रंथों का सुंदर रूप। आलोकित जीवन हो मंजिल मिले सरूप।…
प्यार करता हूँ ( Pyar karta hun ) बहार क्या होती है फूल क्यूँ खिलते हैं भँवरे क्यों गाते हैं खुशबू क्यों बिखरती है सूरज क्यों निकलता है चाँद रात भर आकाश में, क्यूँ चक्कर लगाता है बारिश क्यों होती है दिन क्यूँ होता है रात क्यूँ ढलती है। हवा क्यों बहती है पँछी…