यूं आहें भरता हूँ मैं

( Yoon aahen bharta hoon main ) 

 

दो दिन से भूखा हूँ मैं ?
रोठी को तरसा हूँ मैं

दूर ग़रीबी न यहाँ हो
बरसों से तड़फा हूँ मैं

पैसे पूरे मिलते कब
मेहनत भी करता हूँ मैं

कोई तो भेज यहाँ रब
जीवन में तन्हा हूँ मैं

मुश्किल से ही बचा ए रब
हर पल अब डरता हूँ मैं

ले पाया दाल न आटा
आज बहुत रोया हूँ मैं

काम मिला न मुझे आज़म
यूं आहें भरता हूँ मैं

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें :-

माँ क़रीब है यहाँ | Maa Kareeb hai Yahan

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here