माँ क़रीब है यहाँ

( Maa kareeb hai yahan ) 

 

न कोई मेरे माँ क़रीब है यहाँ
सभी इस नगर में रकीब है यहाँ

किसी पर यहाँ तो यकीन हो न हो
न माँ से ही अच्छा हबीब है यहाँ

सभी माँ अधूरे वफ़ा मुहब्बत से
ऐसा कौन जो खुशनसीब है यहाँ

ख़ुदा से दुआ की बहुत मगर मैंने
न बदला मगर माँ नसीब है यहाँ

मुझे कौन देगा अनाज बस्ती से
बहुत लोग ऐ माँ ग़रीब है यहाँ

करे ग़म का आज़म इलाज़ जो मेरे
न कोई माँ ऐसा तबीब है यहाँ

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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