हिन्दू राष्ट्र | Kavita Hindu Rashtra
हिन्दू राष्ट्र
( Hindu rashtra )
इसे राम मन्दिर का ना बस निर्माण समझो,
यह स्वर सनातन सत्य का आधार है।
हम हिन्दू है आर्यो के वशंज भारतीय,
भय हीन हिन्दू राष्ट्र का निर्माण है।
फिर से समागम होगा इस खण्डित धरा का,
यह शेर के विश्वास की हुंकार है।
भगवा भवानी भारती के दुर्ग का,
सीमाकंन भारत का अब अधिकार है।
यह राम मन्दिर आस्था है हर हृदय का,
हर हिन्दू के विश्वास का सम्मान है।
श्रापित रहे साकेत की पावन धरा पर,
प्रभु राम के निज धाम का निर्माण है।
जिसे तोड कर पापी नराधम हँस रहे थे,
उन मन्दिरों का अब पुनः निर्माण है।
हिन्दू हृदय मे सुप्त थी जो भावना,
हुंकार के शब्दों से यह उदगार है।
इसे राम मन्दिर का ना बस निर्माण समझो,
भव हीन हिन्दू राष्ट्र का। निर्माण है।
शेर सिंह हुंकार जी की आवाज़ में ये कविता सुनने के लिए ऊपर के लिंक को क्लिक करे
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
यह भी पढ़ें :-
हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामना | Hindu New Year Poem in Hindi