दुख भरे दिन बीते रे भैया | Vyang dukh bhare din beete re bhaiya
दुख भरे दिन बीते रे भैया
( Dukh bhare din beete re bhaiya )
( Dukh bhare din beete re bhaiya )
गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें। जुबां से फूल झरने दो करो बस प्यार की बातें।। दिलों को बांटते हैं जो रहे वो दूर ही हमसे। पङी इक ओर रहने दो सभी तकरार की बातें।। मुसलमां है न हिंदू है करे …
जानम पहला पहला प्यार है जानम पहला पहला प्यार है रात दिन बस तेरा ख़ुमार है नींद आये कैसे यादों में इश्क़ में आंखें बेदार है देखता मैं रहूँ उसको ही खूबसूरत इतना दिलदार है प्यार में डूबा है दिल उसके कर गया आंखों से वार है अब रहा…
मकर संक्रांति चुड़ा गुड़ चीनी दही तिल का लगाओ भोग उत्तरायण का पर्व आज है मिलकर मनाओ लोग खिली धूप है ले बच्चों को किसी मैदान में जाएं ठंडी ठंडी हवा के झोकों संग खुलकर पतंग उड़ाएं। सूरज की तीखी किरणों से तन मन को नहलाएं सर्दी के भय को मन से निकाल लाएं…
जो बीत गयी वो बात नहीं जो बीत गयी वो बात नहीं जो गुजर चुकी वो रात नहीं मैं खाली हूँ अपनें पन से क्यों इश्क़ करुं मैं बेमन से मैं टूट रहा लम्हा लम्हा हाँ जीता रहूंगा मैं तन्हा अब तू भी नहीं तेरा साथ नहीं अब दर्द नहीं ज़ज्बात…
कुछ दिन पहले कुछ दिन पहले मैं आकर्षित हो गया था उसके गौर वर्ण पर उसके मदहोश करते लफ़्ज़ों पर उसके उभरे उरोजों पर…… उसने कहा था- तुम भी मुझे अच्छे लगते हो मैं जुड़ तो सकती हूं पर…… कैसे तेरे साथ आ सकती हूं.? शंकाओं ने घेरा हुआ है आऊँ…
गरीबी ने बचाई लाखों की जान ! ******* गरीबी ने गरीबों को बचाया? इसी ने कोरोना को है हराया। यह मैं नहीं विशेषज्ञ कह रहे हैं, गरीब देशों में कोरोना के कम आंकड़े तो यही बतला रहे हैं; गरीबों के संघर्ष की गाथा गा रहे हैं। मुझे तो बस भगवान/ईश्वर/अल्लाह ही याद आ रहे हैं।…