Sita ram vivah par kavita

श्री राम सिया विवाह | Sita ram vivah par kavita

श्री राम सिया विवाह

( Shree ram siya vivah )

 

सम्पूर्ण रामचरित मानस का पाठ करें,

श्री रामसिया विवाह का गुणगान करें।

यह पारिवारिक जीवन सुखमय बनाएं,

भगवान राम सिया की आराधना करें।

 

भव्य मण्डप सजा था विवाहोत्सव का,

शुभमुहूर्त मार्ग शीर्ष शुक्ल पंचमी का।

माता जानकी का आशीर्वाद ले जाना,

दशरथ नन्दन और जनक दुल्हारी का।।

 

आये हर एक कोने- कोने से महाराजा,

लिखा हूं मैं श्रीराम विवाह पर कविता।

हिला न पाएं कोई बलवान शिवधनुषा,

सीता स्वंयवर में प्रभु राम हुएं विजेता।।

 

भगवान राम चेतना माते सीता प्रकृति,

दोनों शक्ति रूप नारायण पधारे धरती।

इस दिन को कहते सब विवाह पंचमी,

चंदन की माला से जप करें यथाशक्ति।।

 

गोस्वामी तुलसीदास के मन भाए राम,

घर-घर में पहुंचाएं हरि गाथा गुणगान।

आराध्य थें जिनके ये भगवान श्री राम,

पूजती सारी दुनियां आज लेकर नाम।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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