ग़लती हमारी थी | Galti Hamari thi
ग़लती हमारी थी
( Galti hamari thi )
हुआ जो हादसा ए इश्क़ वो गलती हमारी थी
खड़ी सरकार के हक़ में लड़ी आवाम सारी थी।
लगेंगी तोहमतें हम पर बहुत ये इल्म़ था हमको
वही अच्छे वही सच्चे हमें ये जानकारी थी।
वफ़ा करके भी हम हरदम खटकते हैं नज़र में क्यूं
यही अफ़सोस की किस्मत में अपनी ख़ाकसारी थी।
समझना ही नहीं आया कभी हमको किसी को भी
नहीं फितरत में जाने क्यूं हमारे होशियारी थी।
न पूछो कैफ़ियत अपनी बड़े बेकैफ़ से दिन हैं
टटोला दिल वहां पाया बड़ी ही बेक़रारी थी।
लगा दी उम्र पर उनको नहीं अपना बना पाई
दिखी थी उन निगाहों में ज़रा बेऐतबारी थी।
नयन अब भूलना ही ठीक जो गुज़री जहां गुज़री
बयां वो दर्द मत करना कि जिसकी राज़दारी थी।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )