जो नज़रों से गिर जाते हैं | Ghazal Shayari in Hindi
जो नज़रों से गिर जाते हैं
( Jo nazron se gir jaate hain )
वो नफ़रत से घिर जाते हैं
जो नज़रों से गिर जाते हैं
मस्जिद में हैं अल्लाह वाले
मयख़ाने काफ़िर जाते हैं
कौन यक़ीं करता है उन पर
जो बातों से फिर जाते हैं
चालाकी से दूर रहा कर
इस रस्ते शातिर जाते हैं
जैसा भी है ,घर है अच्छा
हम घर वापस फिर जाते हैं
नूर जुदा है उन चेहरों का
जो मस्जिद मंदिर जाते हैं
सच पूछो तो हर महफ़िल में
हम तेरी ख़ातिर जाते हैं
‘अहद’ लड़ाई में कट कट के
ऊँचे ऊँचे सिर जाते हैं !
शायर: :– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129
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