मैं हूं प्रयागराज | Prayagraj
मैं हूं प्रयागराज
( Main Hoon Prayagraj )
इतिहास के पृष्ठों पर
स्तंभ-अभिलेखों पर
पथराई नजरों से
ठंडे हाथों से
नदी-नालों का
खेत-खलिहानों का
शहर-नगरी में
तपती दुपहरी में
संगम के तट पर
कण-कण छानते हुए
देख अतीत के
अपने रूप-नक्शे
दिखा इलाहाबाद
उदास! उदास! उदास
बोला
उदास मन से
रखना मेरे अतीत को
बच्चों
याद! याद! याद
मैं हूं प्रयागराज
यानी इलाहाबाद।
नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’
नरैना,रोकड़ी,खाईं,खाईं
यमुनापार,करछना, प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश )