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माँ शैलपुत्री कृपा करो | Maa Shailputri par Kavita
माँ शैलपुत्री कृपा करो ( Maa shailputri kripa karo ) हे माँ शैलपुत्री कृपा करो, हमें अपनी शरण देकर माँ अपनी दया कर देना माँ ।। सत्य की राह चुने हम, ऐसी सुमति हमें देना , हम बालक नादान है तेरे, अपनी छाव मैं रखना माँ । हे माँ शैलपुत्री आ जाओ…
मंजिल | Poem manzil
मंजिल ( Manzil ) मंजिल अपनी निश्चित है,और भाव भी मन मे सुदृढ़ है। रस्ता तय करना है केवल,जो मंजिल तक निर्मित है। जो मिलता ना रस्ता तो फिर, खुद ही नया बनाएगे। कर्मरथि हम मार्ग बनाकर, खुद मंजिल तक जाएगे। टेढी मेढी हो पगदण्डी या फिर कंटक राहों मे। हम पर्वत…
अनजाना सफ़र | Anjana Safar
अनजाना सफ़र ( Anjana Safar ) महानगर के होटल की पच्चीसवीं मंज़िल से देख रही हूँ चलती हुई रेलगाड़ी को जो सर्पाकार घुमावदार लम्बाई में मानो अजगर सी रेंगती हो रेलगाड़ी के डिब्बे लगते हैं जैसे अजगर के शरीर पर पड़ी धारियाँ जिसने भी रेल का आविष्कार किया होगा उसके हृदय में एक बार तो…
गंगा का बनारस भाग-३ | Banaras
गंगा का बनारस भाग-३ ( Ganga ka Banaras ) मौत न पिए, तेरी साँसें, के पहले तू जा बनारस। हैं धँसे शूल जो तेरे बदन, जाके निकाल उसे बनारस। मत बढ़ा तू दिल का छाला, देगा आशीष वही बनारस। मैली कर न अपनी साँसें, जाके धो ले शहर बनारस। उड़ जाएगा पिंजड़े से बुलबुल, दर्प…
नारायणी का अवतार नारी | Kavita Narayan ka Avatar Nari
नारायणी का अवतार नारी ( Narayan ka avatar nari ) नारायणी का अवतार है नारी, देवताओं पर भी तू पड़ें भारी। तुम ही हो करूणा का ये रुप, सहनशील व अन्नपूर्णा स्वरुप।। तुमसे ही मानव जग में आया, धरती पर शान-शौकत पाया। जगत-जननी व कहलाती माँ, एक है धरती एवं दूसरी है माँ।। माॅं…
सिद्धिदात्री मां | Siddhidatri Maa
सिद्धिदात्री मां ( Siddhidatri Maa ) अष्ट सिद्धि नव निधि प्राप्य,मां सिद्धिदात्री श्री स्तुति में शारदीय नवरात्र परम रूप, सर्वत्र आस्था निष्ठा असीम । भक्तजन उर अति आह्लाद, महानवमी साधना अप्रतिम । संपूर्ण नवरात्र एक्य सुफल, मां सरस्वती सम उपमा भक्ति में । अष्ट सिद्धि नव निधि प्राप्य,मां सिद्धिदात्री श्री स्तुति में ।। केहरी…