प्यार की वो आज राहें छूटी है

प्यार की वो आज राहें छूटी है

प्यार की वो आज राहें छूटी है

 

 

प्यार की वो आज राहें छूटी है!

जिंदगी भर उसके  बातें छूटी है

 

 दीवाना करती थी अपनें हुस्न से

आज वो हुस्ने ही  रातें छूटी है

 

ऐसा टूटा उम्रभर उसने रिश्ता

आज उसनें वो मुलाकातें छूटी है

 

प्यार की ख़ुशबू देती थी सांसों को

वो भरी ख़ुशबू से सांसें छूटी है

 

आज जिससें ही मिलानी थी आंखें

आज मिलनें को वो आँखें छूटी है

 

हिज्र उससे ही मिला ऐसा मुझे

प्यार की आज़म बरसातें छूटी है

 

 

✏शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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