Hindi Kavita | Hindi Poetry On Life -यह कैसा व्यवहार
यह कैसा व्यवहार ?
( Ye Kaisa Vyavahar )
बेमौसम बरसात ( Be mausam barsat ) ओला आंधी तूफां आए, घिर आई काली रात। धरती पुत्र सुस्त हो गए, हुई बेमौसम बरसात। फसल खड़ी खेत रबी की, आने को हुई वैशाखी। जमीदार मुंह ताक रहा, अब कर्ज चुकाना बाकी। बिन बुलाए मेहमान आए, ज्यों बेमौसम बरसात। अपने भी मुंह फेर रहे, ना पूछे…
कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik purnima ) कार्तिक पूर्णिमा पावन पर्व स्नान ध्यान दान का। देव दिपावली त्योहार मनाते सनातन विधान का। गंगा धारा में दीपक पूजन अर्चन हो श्रद्धा भाव से। मनोकामना पूर्ण होती धन वैभव हो शुभ प्रभाव से। सहस्त्रों नर नारी नदी तट भाव भक्ति से करें स्नान। नारायण की पूजा होती…
इंटरनेट की दुनिया ( Internet ki duniya ) इंटरनेट का आया जमाना मोबाइल चलन हुआ कर लो दुनिया मुट्ठी में लाइव चैटिंग फैशन हुआ मोबाइल में जान तोते की भांति मन में बसने लगा साइबर अपराध बढ़ गए ठग नेट पर ही ठगने लगा ऑनलाइन क्लासे चलती गुरुकुल विद्या आए कैसे बैंकिंग…
प्रयागराज ‘एयर शो’ ( Prayagraj Air Show ) हम गये रहे ‘एयर शो’ देखै जनसैलाब कै उठती लौ देखै एलन गंज में रहत रहे ‘यूपीएचईएससी’ कै तैयारी करते रहे अपने सब सखियन का लइकै कमरा से तो निकल गये लेकिन रेलवे ट्रैक पै जाके थोड़ा-सा हम ठिठक गये प्रयाग स्टेशन से लोगन वापस आवत…
मैली चादर ( Maili Chadar ) यौवन का वो पड़ाव था, हर बात से अनजान थी, गांव की वो भोली लड़की, अपने शारीरिक अंगों से भी अनजान थी, एक रोज ना जाने क्या हुआ, दर्द से उसका हाल बेहाल हुआ, उठकर देखा जब खुद को, रक्त से सना पाया खुद को, हैरान थी देखकर अपनी…
गुलशन ( Gulshan ) गुल खिले गुलशन खिले खिलती चले बहार महकती फिजायें सारी चमन हुआ गुलज़ार दिल की हसीं वादियो में फूलों का डेरा है खुशबूओं से भरा चमन है प्यार घनेरा है बागों में बैठी कोयल तितलियां पंखों वाली गुलशन सारा महकता फलों से लदी डाली पेड़ों पे…