कन्या भ्रूण हत्या : मानव जाति के भविष्य पर प्रश्न 

Essay In Hindi on female feticide | कन्या भ्रूण हत्या : मानव जाति के भविष्य पर प्रश्न

निबंध | कन्या भ्रूण हत्या : मानव जाति के भविष्य पर प्रश्न 

( Female feticide: Questions on the future of mankind: Essay In Hindi )

 

भूमिका (Introduction) : –

भारत में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या के चलते अनेक प्रकार की सामाजिक समस्याएं जन्म दे रही है। इससे समाज में असंतुलन की स्थिति धीरे-धीरे उत्पन्न हो जा रही है। जो कि चिंता का विषय है।

कन्या भ्रूण हत्या के कारण भारत में लिंगानुपात में असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है। लिंगानुपात की सबसे खराब स्थिति दक्षिण और पूर्वी एशियाई देशों विशेषकर भारत और चीन में देखने को मिल रहा है।

इस समस्या को गंभीर बनाने में चिकित्सा विज्ञान की नई-नई तकनीकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। पुत्र मोह और अल्ट्रासाउंड तकनीक से लिंग परीक्षण की सुविधा के कारण एक आंकड़े के अनुसार भारत में 5 लाख कन्या भ्रूण हत्या प्रतिवर्ष की जाती है।

भारत में सामंतवादी परंपरा के कारण आदिकाल से ही महिलाओं को हेय की दृष्टि से देखा जा रहा है। मध्य काल मे स्थिति यह थी कि महिलाओं को घर के झरोखे से बाहर देखना भी वर्जित था। इन्हें सिर्फ उपभोग वस्तु के रूप में देखा जाता है और यह स्थिति कमोवेश आज भी बनी हुई है।

समाज मे स्थिति ( Status in society ) :-

पश्चिम भारत में कुछ जनजाति और समुदाय ऐसे हैं जो पुत्री के जन्म लेने पर मां को प्रताड़ित करते हैं। अशिक्षा, हिंसा और उलाहना ही मां को कन्या भ्रूण हत्या के लिए प्रेरित करती है।

आज भारत में ऐसे कई परिवार है जहां पर कन्याओं के जन्म को शुभ नहीं माना जाता। भारतीय समाज में कन्या को लेकर विरोधाभासी स्थिति है।

एक तरफ भारत में कन्या पूजन की परंपरा रही है तो दूसरी तरफ कोख में ही कन्याओं को मार दिया जाता है। इस बात की पुष्टि साल 2011 की जनगणना है।

इसमे देखने को मिला 0 से 6 वर्ष की आयु में लिंगानुपात 13 पॉइंट तक गिर गया है जिससे यह पता चलता है कि लड़कियों की संख्या में गिरावट हो रही है। अभी तक बात का ज्यादा असर नहीं दिख रहा है लेकिन इसके दूरगामी असर देखने को मिलेंगे।

एक तरफ जहां भारत में स्त्री पुरुष की बराबरी की बात की जा रही है वहीं आने वाला समय ऐसा भी हो सकता है जब व्याहने के लिए लड़कियां नहीं मिलेंगे। हरियाणा पंजाब के कई जिले आज भी इस समस्या से जूझ रहे हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत के 10 ऐसे राज्य हैं जहां लिंगानुपात 9 से 900 से भी कम है हरियाणा में 1000 पुरुषों पर 830 महिला हैं।

कन्या भ्रूण हत्या के कारण ( Causes of female feticide in Hindi ) : –

भारत में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे पहला कारण है देश की सत्ता व्यवस्था का वर्चस्व होना आज देश में बालिकाओं के जन्म के प्रति नकारात्मक सोच विकसित हुई है।

इसके पीछे वजह सदियों से व्याप्त पुरुष व्यवस्था ही रही है। आज भी समाज में कुछ ऐसे संस्कार और सामाजिक जिम्मेदारी हैं जो केवल पुरुषों के लिए हैं।

ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति पुरुष प्राप्त की लालसा रखता है और लड़के की मां व लड़की की मां के साथ भेदभाव किया जाता है।

महिलाओं की घटती संख्या के लिए अशिक्षा, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, राजनीतिक जागरूकता का अभाव भी जिम्मेदार है। असुरक्षित प्रसव कराना भी एक कारण है क्योंकि ऐसे में मां और बच्चे दोनों की मौत का खतरा रहता है।

मध्यम वर्गीय शिक्षित परिवारों में कन्या भ्रूण हत्या बढ़ने का कारण आधुनिकरण और बाजारीकरण है। दिन-ब-दिन बढ़ता दहेज कन्या भ्रूण हत्या के लिए जिम्मेदार है।

कन्या भ्रूण हत्या के परिणाम व रोकथाम के लिए कानून ( Laws for Prevention and Prevention of Female Feticide in Hindi ) :-

कन्या भ्रूण हत्या के दूरगामी परिणाम होंगे। लिंगानुपात कितना गिर जाएगा कि  सामाजिक ढांचा ही असंतुलित हो जाएगा। कन्या भ्रूण हत्या के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले 1974 में पहल की गई थी और सरकार द्वारा मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट पारित किया गया था।

इस एक्ट के अनुसार लिंक के के बारे में पता चल जाए तो यह असामान्य है। अल्ट्रासाउंड या अन्य मेडिकल मशीनों द्वारा प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण को रोकने के लिए 1994 में प्रसव पूर्व परीक्षा तकनीक अधिनियम 1994 लाया गया था।

इस कानून के अनुसार यदि कोई क्लीनिक, प्रयोगशाला कर्मी, डॉक्टर या कोई भी व्यक्ति जो निर्धारित कारणों के अलावा परीक्षण के लिए उत्तरदाई होगा या कानून का उल्लंघन करेगा उस पर पहली बार में 3 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना और अगली बार में 5 साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान है।

सरकार ने इन प्रयासों के अलावा कन्या भ्रूण हत्या को निष्प्रभावी बनाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर पिछले एक दशक में बालिकाओं के संरक्षण सुरक्षा और विकास के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए।इनका सकारात्मक प्रयास कुछ क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।

निष्कर्ष  (Conclusion) :-

कन्या भ्रूण हत्या सिर्फ सरकारी प्रयास तके ही सीमित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले लोगों के माइंडसेट को बदलने की जरूरत है।

जब तक समाज पुरुष प्रधान सोचकर रहेगा तब पुरुष सत्तात्मक व्यवस्था से प्रेरित रहेगा। व इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। हमें महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा, अत्याचारों, दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों और शिक्षा जैसी बुराइयों को दूर करना होगा।

कन्या भ्रूण हत्या के लिए विभिन्न धार्मिक संगठनों के उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया को सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

कन्या भ्रूण हत्या की तकनीकी आदि का प्रयोग करने वाले सभी संस्थाओं, केंद्रों के औचक निरीक्षण की विस्तृत व्यवस्था सुनिश्चित करके गैर कानूनी विधियों में लिप्त संस्थाओं और व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। इसमें लोगों का सहयोग लेना भी जरूरी है जिससे कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में मदद मिले।

लेखिका : अर्चना  यादव

यह भी पढ़ें :  Essay In Hindi | ऑनलाइन स्टडी ( Online Study ) से होने वाले फायदे और नुकसान

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *