हम जिस्म-ओ-जान से दिल के तलबगार है

हम जिस्म-ओ-जान से दिल के तलबगार है | Ghazal dil ke talabgar

हम जिस्म-ओ-जान से दिल के तलबगार है ( Hum jism -o -jaan se dil ke talabgar )   खुसबू से पीछा छुड़ाने को बागों में टहलते है पस-ए-पर्दा आँखों का हम भी समझते है   ज़िन्दगी फ़क़त कुछ दिनों के यूँ ही गुजर जाएगा चलो बैठ कर कहीं इसको गुज़रते देखते है   हम जिस्म-ओ-जान…

गीत लिखे हजार मगर

गीत लिखे हजार मगर | Geet likhe hajar magar

गीत लिखे हजार मगर ( Geet likhe hajar magar )   गीत लिखे हजार मगर गाया ना जा सके दर्द मिले ऐसे की बताया ना जा सके इस ज़ुबानी फ़र्क़ की इम्तेहान में खुद को बचाया ना जा सके लिखा है कुछ तो मगर क्या लिखे ऐसे की जनाया ना जा सके शोर इतना हो…

दयार-ए-इश्क़ से डर गए हम भी

दयार-ए-इश्क़ से डर गए हम भी | Dayaar -e- ishq

दयार-ए-इश्क़ से डर गए हम भी ( Dayaar -e- ishq se dar gaye hum bhi )   दयार-ए-इश्क़ से डर गए हम भी फिर तेरे तलाश में दर-ब-दर गए हम भी   ज़िन्दगी भर बूतान-ए-इश्क़ के किस्से सुने और पयान-ए-शौक़ से गुज़र गए हम भी   तलाश में ना आगे बढ़ा, ना वहां से लौट…

खत्

खत् | Khat par kavita

खत् ( Khat )   हमारे “खत्” ही थे एक सहारे….||✉️|| 1.कलम उठा के कागज पर, अरमान दिलों के लिख डाले | मम्मी-पापा सब कैसे रहते हैं, सब हाल घरों के लिख डाले | मुहल्ले-पडोस की खट्टी-मीठी, सब चाहत-बातें-दिल काले | खत् लिख पोस्ट किया अब बैठे, जबाब की चाह मे दिल वाले | हमारे…

उदासी भरी जीस्त

उदासी भरी जीस्त | Udasi ghazal

उदासी भरी जीस्त ( Udashi bhari jist )   सफ़र कट रहा है ग़म मे जिंदगी का नहीं कर पाया हूँ सफ़र भी ख़ुशी का   उदासी भरी जीस्त तन्हा न कटती मिला साथ होता तेरी दोस्ती का   भुला दे सभी दिल से शिकवे गिले तू रवां छोड़ो भी दिल से ये दुश्मनी का…

आग

आग | Aag par kavita

 आग  ( Aag )   जीवन में आग का महत्व……|| 1.एक दम पवित्र एक दम तेज, देवों मे भी एक है | खुद मे हर चीज मिलाती, काम भी उसके नेक है | सुख-दुख मे काम आती, रोशनी उज्वलित होती है | अपनी छाप छोड़ती जब, अग्नी प्रज्वलित होती है | जीवन में आग का…

वादा कर लो

वादा कर लो | Prerna kavita

वादा कर लो ( Wada karlo )   जब लक्ष्य बना ही ली हो, तो हर कीमत पर  उसे पाने का भी अब वादा कर लो   और कर लो वादा कभी हार ना मानने का, एक जज्बा जगा लो दिल में,    एक जुनून खुद में ला लो, समर्पित कर दो स्वयं को,  …

हाल-ए-दिल का मत पूछ मेरे यार

हाल-ए-दिल | Hal-E- Dil | Ghazal

हाल-ए-दिल का मत पूछ मेरे यार ( Hal-e-dil ka mat poochh mere yar )   सीने पे देखु तो दर्द का खबर लगता है मेरे ज़ख्म-ए-दिल लोगो को तमाशा का नगर लगता है   अब बसेरा कर चूका हूँ बीरान शहर में जहाँ कहीं यहाँ अपना ही घर लगता है   हाल-ए-दिल का मत पूछ…

कर गये बदनाम

कर गये बदनाम | Kar gaye badnam | Ghazal

कर गये बदनाम ( Kar gaye badnam )   नजरों मे उनकी अनदेखा हो गये जिंदगी मे आज तन्हा हो गये   कर गये बदनाम ऐसा वो हमें प्यार मे हम आज रुसवा हो गये   पेश आये इस तरह से आज वो प्यार के हर शब्द खारा हो गये   वो हक़ीक़त मे हमारे…

ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा

ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा | Ye jahan | Ghazal

ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा ( Ye jahan yun bhi to nahi mera )   ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा तुम्हारे बगैर गुज़ारा यूं भी तो नहीं मेरा   मौत  के बाहों में सोने वाले से ज़िक्र-ए-ज़िन्दगी ना करे लगता है, है अपना मगर ज़िन्दगी यूं भी तो नहीं मेरा  …