Baba Ramdev Avatari
Baba Ramdev Avatari

बाबा रामदेव अवतारी

( Baba Ramdev Avatari ) 

 

राजा अजमाल जी के घर-द्वार,
द्वारिका-धीश ने लिया अवतार।
बड़े बीरमदेव और छोटे रामदेव,
लीला दिखाएं हो घोड़े असवार।।

सन १४४२ भादवेसुदी दूज को,
बनकर आए वे मैणादे के लाल।
बचपन से दिखाएं लीला अपार,
जैसे आयो फिर से नन्दगोपाल।।

खुशियां मनावे गावे मंगलाचार,
पोखरण के सभी ‌नर और नार।
मिश्री से लूण व लूण से मिश्री,
कपड़े को घोड़ों दिखायो ‌उडार।।

बालपने में भैरव देत्य को मारा,
निर्धन असहायो के बनें सहारा।
पांचोपीर को दिया आपने पर्चा,
मक्का मदीना से मंगाएं कटोरा।।

मझधार फॅंसी नैया आप बचाई,
भाणु ने जीवित कर की भलाई।
धाम तेरो बाबा बड़ों ही निरालो,
रुणिचा नगरी तुमने स्वयं बनाई।।

जन्मोत्सव पर आज लगते मैले,
घणी-घणी खम्मा रुणीचा वाले।
धोली ध्वजा भालो हाथ मे सोवे,
तुझको पूजे आज दुनियां वाले।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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