भगवान पार्श्वनाथ का जन्म कल्याणक दिवस
भगवान पार्श्वनाथ का जन्म कल्याणक दिवस
धर्म मार्ग को जीवन आचरण में अपनायें ।
विकट – विकटतम मार्ग से पार लगायें ।
कही न रुके सदैव आगे बढ़ते जायें ।
मानव जीवन से मोक्ष पायें ।
प्रभु पार्श्वनाथ की तरह मंजिल पायें ।
धर्म से भावना प्रबल रहती ।
गलत आचरण से कोसों दूर रहते ।
मन में निर्मल सरिता की भावना रहती ।
सत्पथ पर चल सुख पायें ।
प्रभु पार्श्वनाथ की तरह मंजिल पायें ।
सत्य सुधा का स्रोत बहता ।
भव – भ्रमण कम होता ।
आत्म शांति की तरफ बढ़ते ।
शाश्वत सुख को पाते ।
प्रभु पार्श्वनाथ की तरह मंजिल पायें ।
धर्म लोक में सारभूत हैं ।
तीर्थंकरों की वाणी हैं ।
धर्म पर आस्था अटल रखना ,
शिवसुख की सहनाणी हैं ।
प्रभु पार्श्वनाथ की तरह मंजिल पायें ।
जीवन सत्संगत में ढ़लता ।
सत्संग का प्याला निराला होता ।
सत्संग का महातम बड़ा हैं ।
निर्मल बन आत्म शांति को वरता वही हैं ।
प्रभु पार्श्वनाथ की तरह मंजिल पायें ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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