Kavita Aatma Boli

आत्मा बोली पिया कर दो विदा | Kavita Aatma Boli

आत्मा बोली पिया कर दो विदा ( Aatma boli piya kar do vida )   तुम्हारी कहानी कर रहा बया आई नही मुझे दया, कह रही थी अलविदा कर दे पिया मुझको विदा। इतने ही दिन का साथ है यह हमारा ‌और तुम्हारा, बोल रही थी तेरी आत्मा जो हो रही मुझसे जुदा।। बेटी-बहु माॅं-सास…

OTP Password Par Kavita

ना बताएं ओटीपी पासवर्ड | OTP Password Par Kavita

ना बताएं ओटीपी पासवर्ड ( Na Bataye OTP Password )   बचकर रहना प्यारे भाईयों एवं बहनों, आज जाल-झूठ और छल-कपट से। कमा रहे है बहुत छलिया लोग लफंगे, करके जाल-झूठ एवं ये हेरा-फेरी से।। बहक मत जाना लालच में मत आना, लाॅटरी व ईनाम, कूपन के चक्कर में। गंवा ना देना कही उमर-भर की…

Kavita Sab Dhoondte Hi Reh Jaaoge

सब ढूंढते ही रह जाओगे | Kavita Sab Dhoondte Hi Reh Jaaoge

सब ढूंढते ही रह जाओगे ( Sab dhoondte hi reh jaaoge )    आगे आनें वालें वक़्त में सब ढूंढ़ते ही रह जाओगे, इस उथल पुथल के दौर में ख़ुद को भूल जाओगे। एक जमाना ऐसा था दूसरे की मदद को‌ भागतें थेंं, धैर्य रखना विश्वास करना सब-कुछ भूल जाओगे।। गलतफहमी में उलझकर ये परिवार…

Poem in Hindi on Bitiya

बिटिया तू हो गई है अब स्यानी | Poem in Hindi on Bitiya

बिटिया तू हो गई है अब स्यानी ( Bitiya tu ho gayi hai ab shayani )    मेरी प्यारी बिटिया रानी तू हो गई है अब स्यानी, मेरे कलेजे के टुकड़े अब न करों कोई मनमानी। समझा रहें है आपको आज आपकें नाना-नानी, हर लड़की की विधाता ऐसी लिखता है कहानी।। आपकें विवाह के खातिर…

Poem on Uttarayan in Hindi

उत्तरायण ” सूर्य संक्रांति ” | Poem on Uttarayan in Hindi

उत्तरायण ” सूर्य संक्रांति “ ( Uttarayan Surya Sankranti )    शीत ऋतु से ऋतु फिर बदल रही है आज हो रहे उत्तरायण सूर्य ” संक्रांति ” के साथ ।। धनु राशि से मकर राशि में करते आज प्रवेश उत्तरायण हो नारायण प्रभु सूर्य देव भगवान ।। रवि की फसल काट रहे हैं देखो हमारे…

Shakahari divas par kavita

अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी दिवस | Shakahari divas par kavita

अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी दिवस ( Antarrashtriya shakahari divas )    अपनी सभी बिमारियों को दूर आप भगाओ, आज अभी से शाकाहारी भोजन अपनाओ। देखते है इन्सान होने का प्रमाण कौन देते है, मांस मछली छोड़कर शाकाहारी बन जाओ।। जियो एवं जीने दो वन्यजीव पशु पक्षियों को, नहीं मारकर खाओ कोई भी इन्सान इनको। क्यों निमंत्रण दे…

Poem on sun in Hindi

प्यारा भास्कर | Poem on sun in Hindi

प्यारा भास्कर ( Pyara bhaskar )   रोज़ाना निकलता आसमान चीरकर, अंधेरा मिटाता आता प्यारा भास्कर। ख़ुश होते सब सूर्य नारायण देखकर, वन्दना करों सूरज को जल चढ़ाकर।। देता सारे जग को प्रकाश, उजियारा, हर लेता यह सारे ब्रह्मांड का अंधेरा। प्यारी- प्यारी भोर लगे बहुत निराली, सवेरे सवेरे सुहानी लगती यह लाली।। नदियों का…

Sena diwas par kavita

सेना दिवस | Sena diwas par kavita

सेना दिवस! ( Sena diwas ) ऐ! मेरे वतन के लोगों, जरा याद करो कुर्बानी। फिर आया सेना दिवस ये, है कोई न इसका सानी। इनके चलते ही घरों में, हम चैन की नींद हैं लेते। ये नींद गंवाकर अपनी, सरहद की हिफाजत करते। रखकर ये आँख में मस्ती, रचते हैं अमर कहानी। नभ,जल,थल इनसे…

Ajmer par kavita

अजमेर | Ajmer par kavita

अजमेर ( Ajmer )   में हूँ एक जिला-अजमेर, राजस्थान का नम्बर एक। अजयराज ने मुझको बसाया, चौहान का फैला दूर तक साया।। जो था एक महान शासक, बुद्धिमान और वो ताकतवर। हाथी-घोड़े, धन-सम्पदा अपार, जिसका डंका बजता दरबार।। चारों तरफ अरावली पहाड़, झीलें और मनमोहक ये पार्क। क्या बताएं हम यहाँ का वर्तान्त, छटा…

Kavita bhikhari ki bheekh

भिखारी की भीख | Kavita bhikhari ki bheekh

भिखारी की भीख ( Bhikhari ki bheekh )   एक भिखारी रोज़ गाॅंव जाता, भीख माॅंगकर घर में वो‌ लाता। रोज़ाना वह यही काम करता, काम-धंधा वो कुछ नही करता।। एक घर में जाता वह रोज़, जिसमे औरत अकडू थी एक । भीख माॅंगता उसे गाली मिलती, झोले में वह कुछ नही डालती।। एक दिन…