संभल जा ज़रा

संभल जा ज़रा | Kavita sambhal ja zara

संभल जा ज़रा ( Sambhal ja zara ) ए-दोस्त… संभल जा ज़रा पछताएगा,रोएगा अपने किए दुष्कृत्यों पर फिर सोच सोच कर…. अभी समय है बच सकता है तो बच बचा सकता है तो बचा अपनों के अहसासों को अपनों के अरमानों को….. तुमसे ही तो सारी उम्मीदें हैं तुम ही तो पालनकर्ता हो अब तुम…

पिता होते हैं महान

पिता होते हैं महान | Pita par poem

पिता होते हैं महान ( Pita hote hain mahaan )  पिता जी आप महान, हम आपकी संतान । हम-सब के हैं अभिमान, नित्य गाएं आपका ही गुणगान। आपके कंधों पर बैठकर जाने दुनिया जहान, मिली आप ही से है पहचान; बनें हैं जो सभ्य इंसान। पिताजी आप महान…. उंगली पकड़ हमें चलना सिखाए, सारे नाज…

गुरु

गुरु | Guru par kavita in Hindi

गुरु ( Guru )    गुरु तुम दीपक मैं अंधकार , किए हैं मुझपे आप उपकार,   पड़ा है मुझपर ज्ञान प्रकाश, बना है जीवन ये उपवास,   करें नित मुझ पर बस उपकार , सजे मेरा जीवन घर द्वार,   गुरु से मिले जो  ज्ञान नूर, हो जाऊं मैं जहां में मशहूर   गुरु…

सच का आइना | Sach ka aaina

सच का आइना | Sach ka aaina

सच का आइना ( Sach ka aaina )   हिंदू, मुस्लिम तुम आपस में बैर कर महात्मा गांधी ,अब्दुल कलाम भूल गए, जाति -जाति हर धर्म ,मजहब के फूल खिले, तभी तो दुनिया महका गुलशन हिंदुस्तान है, सब फूलों को पिरो बनाए जो माला संविधान अंबेडकर भूल गए, अपनी सत्ता की गलियारों में संस्कार गरिमा…

जमीर

जमीर | Jameer kavita

जमीर ( Jameer )   गिरा जो अपना 1रुपया तो पश्चाताप बार-बार करते हो, दूसरों का ले हजारों किए हो जो गमन, जरा सोचो उस पर क्या बीती होगी? स्वार्थ का पर्दा लगाए हो जो जमीर में मेरा सच का आइना लो देखो तो जरा, ईमान खुद बोल देगा जमीर बचाओ यारों, किसी का तुम…

शाबाश कतर !

शाबाश कतर | Qatar par kavita

शाबाश कतर ! ( Shabaash Qatar ) बड़े प्रभावी ढंग से कतर ने- कोविड-19 का मुकाबला किया है, एक जबरदस्त कामयाबी हासिल किया है। त्वरित पहचान व रोकथाम शुरू किया, प्रभावित समूहों को शीघ्र अलग किया; इसी ने उसे बेहतर रिजल्ट दिया । वहां 29 फरवरी को पहला मामला आया, लगभग 667936 लोगों को जांचा…

अनकही बातें!

अनकही बातें | Ankahi baatein poetry

अनकही बातें ( Ankahi baatein ) ***** कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह जातीं हैं अनकही बातें! सोच सोचकर हम लेते हैं गहरी गहरी सांसें! कुछ तो बात होगी? क्या बात होगी? इस संवादहीनता की! जरूर खास होगी? जो उसने नहीं बताई, हमसे नहीं जताई! बिन कहे छोड़ गई? मुझे रूला गई। इस…

मां भारती की पुकार

मां भारती की पुकार | Man bharati ki pukar

मां भारती की पुकार ( Man bharati ki pukar ) मां भारती के अब लाल उठो, तुम पर ही हैं सारा भार उठो, मांग मेरी अब सुनी होने को है, मां भारती है अब बोल उठी, मां भारती की हर सपूत उठो, अपने -अपने हिस्से का ले सहयोग उठो चीनी सामग्री का, कर बहिष्कार उठो,…

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए | Annadata par kavita

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए ( Annadata ka dhara par maan hona chahiye ) ******** अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए, उनके हित में भी कभी कुछ काम होना चाहिए। विषम परिस्थितियों में कठिन श्रम कर अन्न उगाते हैं, स्वयं भूखे रहकर भी देश को खिलाते हैं। खाद पानी बीज के लिए…

दर्द की व्यथा

Ghazal | दर्द की व्यथा

दर्द की व्यथा   दर्द इस कदर,  बेहाल था, थी उम्मीद सहारा दोस्त हैं, कुछ मायूस कर चले, कुछ को थी खबर , उंगलियां फोन तक न चले, कुछ तो थे साथ मरहम ले चले कभी जिनका  थे सहारा, आज वही बेसहारा कर चले, दर्द इस कदर  बेहाल था कुछ अपने परिजन घरों में चला,…