रागिनी

रागिनी | Kavita Ragini

” रागिनी “ ( Ragini ) सुमधुर गुंजार कोकिल चमक चपला सी चलन का।   रुचिर सरसिज सुमनोहर अधर रति सम भान तन का।   गगन घन घहरात जात लजात लखि लट लटकपन का।   मधुप कलियन संग लेत तरंगता खंजन नयन का।   पनग सूर्य अशेष पावत मात दुति मणि दंतनन का।   धरत…

मंजूर के दोहे

मंजूर के दोहे | Manzoor ke dohe

मंजूर के दोहे **** 1. शूल समान तू तेज हो, भेदो हरेक बाधा पहुंचोगे तुम शीर्ष पर, लक्ष्य कठिन नहिं ज्यादा 2. पथिक तू चलते चला जा, लक्ष्य दूर न ज्यादा आशा भाव मन मा लिए, हर लोगे तुम बाधा 3. धरा हमारी उर्वरा, फसलन की नहिं सोच लाओ बीज कंद मूल के, उगालो मिट्टी…

हिंदी राष्ट्र धरोहर है

हिंदी राष्ट्र धरोहर है | Kavita Hindi rashtra dharohar hai

हिंदी राष्ट्र धरोहर है ( Hindi rashtra dharohar hai ) *****   सबकी प्यारी सबकी दुलारी- मनभावन व मनोहर है, हिंदी राष्ट्र धरोहर है। देश को आपस में जोड़ने वाली, हृदय से हृदय को पहुंचने वाली । कानों में मिसिरी घोलने वाली, मीठी सुरीली, है अद्भुत अलबेली ; छात्र/छात्राओं की है सहेली । संपूर्ण धरा…

फ़र्क नहीं पड़ेगा

फ़र्क नहीं पड़ेगा | Poem fark nahi padega

फ़र्क नहीं पड़ेगा ( Fark nahi padega )   बहुत सारी खामियां है मुझमें तो क्या हुआ……? तुमने कभी उन ख़ामियों को क्या मिटाना चाहा कभी….? नहीं ना…….!   तुम चाहते ही नहीं थे कभी कि हम भी उभर पाएं और तुम्हारे साथ खड़े हो सकें तुमने चाहा ही नहीं ऐसा कभी हम तुम्हारे साथ…

गरीबी ने बचाई लाखों की जान !

गरीबी ने बचाई लाखों की जान | Garibi par kavita

गरीबी ने बचाई लाखों की जान ! ******* गरीबी ने गरीबों को बचाया? इसी ने कोरोना को है हराया। यह मैं नहीं विशेषज्ञ कह रहे हैं, गरीब देशों में कोरोना के कम आंकड़े तो यही बतला रहे हैं; गरीबों के संघर्ष की गाथा गा रहे हैं। मुझे तो बस भगवान/ईश्वर/अल्लाह ही याद आ रहे हैं।…

व्यवहार में सुधार जरूरी बा !

व्यवहार में सुधार जरूरी बा ! ( भोजपुरी भाषा में)

व्यवहार में सुधार जरूरी बा ! ( भोजपुरी भाषा में) ***** पहिर के हमरे झमकावेलू, आ# हमरे के आंख देखावेलू। कमरिया लचकावेलू, अंखियां मटकावेलू। रही रही धमकावेलू, जान के महटियावेलू। पुकरलो पर ना आवेलू, सुन के अंठियावेलू। घड़ी घड़ी दु चार बातो सुनावेलू, बड़ा हमके सतावेलू। हो शालू! तू त# बाड़ू बड़का चालू? झट दोसरा…

परीक्षा

परीक्षा | Pareeksha par kavita

परीक्षा ( Pareeksha ) *** मन से , बिना मन से। पास होने के उल्लास, फेल होने की गुंजाइशों के साथ। इंसान को , देनी ही पड़ती है परीक्षा! विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों आयोगों में- इसके लिए विधिवत रूटिन/कैलेंडर होता है, समयानुसार परीक्षा आयोजित होता है। नियत समय पर परिणाम हैं आते, परीक्षार्थी पास/फेल हैं होते।…

पैसों की जुबा सुनलो

पैसों की जुबा सुनलो | Kavita paison ki zuban

पैसों की जुबा सुनलो ( Paison ki zuban sunlo )     हर बार कसूर क्यों मुझ पर ठहराते हो? मेरे लिए क्यों इंसान अपनों से अलग हो जाते हो ?   मैं आज हुँ कल नहीं फिर क्यों इतना इतराते हो ? मेरी मामूली किमत रिश्तों से क्यों लगाते हो ?   तुम्हारी बेमतलब…

तुम्हें कब मना किया है

तुम्हें कब मना किया है | Sandeep poetry

तुम्हें कब मना किया है   किसी से प्रेम करने को तुम्हें कब मना किया है लेकिन! प्यार करना तुम ….. किसी से प्यार करना कहाँ गलत है….? बस….! इतना ध्यान रहे कि प्यार में अंधे हो कर अपनों को नहीं भूलें…… उन्हें भी उतना ही प्यार दें……… जितना अपनी प्रेमिका को प्यार देते हो……..!!…

ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे

ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे | China par kavita

ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे ***** बदला लेंगे हम, छोड़ेंगे न हम। भूले हैं न हम, भूलेंगे न हम। खायी है कसम, तोड़ेंगे गर्दन। करेंगे मानमर्दन , प्रतिशोध लेंगे हम। याद है ! बात उस रात की, छिपकर किए घात की। गलवान घाटी की ! आदत ही है तुम्हारी जाति की। गीदड़ सा करते…