भूतही | Bhoothi

भूतही | Bhoothi

आकांक्षा अक्सर बीमार रहा करती थी। लेकिन उसे जब किसी डॉक्टर को दिखाया जाता था वह कोई रोग नहीं बताता था। बस दर्द की गोली दे दिया करता। वह भी नहीं समझ पा रही थी कि आखिर उसे हो क्या गया है। उसके परिवार में झांड फूंक अकसर होता रहता था। एक बार उसे उसकी…

अंधविश्वास | Andhvishwas

अंधविश्वास | Andhvishwas

सुनीता को कई दिनों से सिर दर्द कर रहा था। एक दिन तो वह बेहोश हो गई। उसका पति शहर कमाने गया हुआ था। घर में उसकी सासू जेठ जेठानी आदि थे। उन्होंने सोचा कि इसको कोई भूत प्रेत का साया लग गया है इसलिए एक ओझा के पास गांव में ले गए। उसने भी…

Batwara

बंटवारा | Batwara

( स्वातंत्रता दिवस विशेष ) लगभग 100 वर्ष पूर्व की बात है भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश तीन भाई थे। वे सभी बड़े प्रेम से रहा करते थे। आपस में कोई मनमुटाव होता तो आपसी बातचीत से सुलझा लेते थे। यह प्रेम कुछ दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों को देखीं नहीं जा रही थी। तीनों शरीर से…

Sabse Garib

सबसे ग़रीब | Sabse Garib

सरकार की आवास योजना का कार्य पूर्ण हो चुका था। ऐसे में उस व्यक्ति की खोज की जा रही थी जो कि संपूर्ण प्रदेश में सबसे गरीब हो। किस व्यक्ति को सबसे गरीब सिद्ध किया जाए यह कहना मुश्किल था। और गहराई से जब फाइलों की जांच होने लगी तो ऐसी ऐसी फ़ाइलें मिली की…

Nikamma

निकम्मा | Nikamma

उसे सभी निकम्मा कहते थे। वैसे वह 15 — 16 साल का हो चुका था लेकिन उसका मन पढ़ने लिखने में नहीं लगता था । यही कारण था कि कई कई बार तो वह फेल होने से बच गया। उसे नहीं समझ में आ रहा था कि आखिर कैसे पढ़ाई करू कि जो मुझे लोग…

Cigarwala Chora

सिगारवाला छोरा | Cigarwala Chora

सायंकाल का वक्त है । सूरज डूबना चाहता है परंतु अपनी लालिमा को प्रकृति की मोहकता बिखेर रहा है । वहीं बेंच पर बैठा एक छोरा चारों ओर देखा है। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा है वह कुछ पाना चाह रहा है। मैं भी उसी बेंच पर बैठ गया। मैं शांत चित्त बैठा…

एक शिक्षक की आत्मकथा

जिंदगी का सफरनामा ( एक शिक्षक की आत्मकथा )

भाग : 1 मैं बचपन से अंत: प्रवृति का व्यक्ति रहा हूं। जिसने बोल दिया तो बोल दिया मैं तो चुप रहना मैं ज्यादा धमाचौकड़ी भी नहीं करता था। हां लेकिन जब मुझे कोई परेशान करता था तो मैं उसकी धुनाई करने से भी बाज नहीं आता था । गांव में उस समय तक एक…

बदलाव की नींव | Badlav ki Neev

बदलाव की नींव | Badlav ki Neev

श्याम एक सामान्य घर का लड़का था। वह विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल में रहता था । एक दिन देखता है कि बहुत से बच्चे खेल रहे हैं तो उनसे बातचीत किया । उसे पता चला कि यह सब मजदूर के बच्चे हैं जो माता-पिता के साथ ऐसे टहलते हैं । यह कहीं पढ़ने लिखने भी…

Safalta ka Raj

सफलता का राज | Safalta ka Raj

नीमरू जब 12– 13 वर्ष का था तभी उनके पिताजी उसे छोड़ कर चले गए। वैसे तो उनका नाम सुरेंद्र कुमार था लेकिन दुबले-पतले होने के कारण उन्हें निमरू ही कहते थे । बचपन में वह अपने मामा के घर रहते थे। मामा के घर उनकी खूब दादागिरी चलती थी। दुबला पतला है तो क्या…

Kalyug ka Prem

कलयुग का प्रेम | Kalyug ka Prem

कलयुग का प्रेम ( Kalyug ka prem )    एक बार एक लड़के ने एक लड़की से कहा “मैं तुम्हें कुछ देना चाहता हूं।” फिर लडकी ने कहा “मुझे कुछ नही चाहिए सिर्फ आप मेरा सम्मान रखना ।” लड़के ने कहा, “देखो तो, बड़े प्यार से लाया हूं यार।” जब लड़की ने देखा कि वो…