दुनिया के

दुनिया के

दुनिया के भाग फूटे पड़े हैं दुनिया के।पांव उखड़े पड़े हैं दुनिया के। खेल बिगड़े पड़े हैं दुनिया के।दाम उतरे पड़े हैं दुनिया के। दौर कैसा है यह तरक़्क़ी का।काम सिमटे पड़े हैं दुनिया के। जिस तरफ़ देखिए धमाके हैं।ह़ाल बिगड़े पड़े हैं दुनिया के। बन्दिशों के अ़जब झमेले हैं।हाथ जकड़े पड़े हैं दुनिया के।…

सुमंगला सुमन की कविताएं

सुमंगला सुमन की ग़ज़लें | Sumangla Suman Poetry

बचपन की होली: वो रंग, वो उमंग गली-गली में मस्ती का आलम,होली के रंगों से महका हर मौसम। खूब मलमल कर गुलाल लगाना,रंग भरी बाल्टी किसी पे गिराना। छत से छुपकर नीचे रंग उड़ाना,और फिर भागकर खुद को बचाना। पिचकारी की धार थी जैसे बाण,जिस पर चले, बचने का न नाम। मुँह लाल-नीला, कपड़े बदरंग,पर…

बुलावा माँ का

बुलावा माँ का

बुलावा माँ का कहाँ पिकनिक मनाने को वो नैनीताल जाता है, बुलावा माँ का आये तो वहां हर साल जाता है, खुले बाज़ार में जबसे बड़े ये मॉल हैं यारों, दुकानों से कहाँ फिर कोई लेने माल जाता है, बहुत तारीफ करता है सभी से माँ की तू अपने, मगर कब पूछने तू अपनी माँ…

इश्क़ को एहसान के जैसे जताया मत करो

इश्क़ को एहसान के जैसे जताया मत करो

इश्क़ को एहसान के जैसे जताया मत करो इश्क़ को एहसान के जैसे जताया मत करोइस कदर जाने की जल्दी है तो आया मत करो। जानते हम अहमियत अपनी तुम्हारे सामनेतो ये किस्से बेक़रारी के सुनाया मत करो। मुस्कुराने पे बहुत दिलकश लगा करते हो तुममहफिलों में बेवजह तब मुस्कुराया मत करो। एक दूजे के…

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने क्यों वो देने लगे दग़ा जाने।क्या हुआ,क्या पता, ख़ुदा जाने। जिनका शेवा वफ़ाएं करना था।भूल बैठे वो क्यों वफ़ा जाने। कोई राह़त नहीं अभी तक तो।देखो कब तक चले दवा जाने। जिनसे उम्मीदे-लुत्फ़ होती है।वो ही करते हैं क्यों जफ़ा जाने। बस यही सोच कर तड़पता हूं।क्यों हुए मुझसे…

आते हैं लोग फ़क़त हमको गिराने के लिए

आते हैं लोग फ़क़त हमको गिराने के लिए

आते हैं लोग फ़क़त हमको गिराने के लिए कोई आता ही नहीं हमको उठाने के लिएआते हैं लोग फ़क़त हमको गिराने के लिए जल न जाए कहीं काशाना मुहब्बत का येलोग बैठे हैं यहाँ आग लगाने के लिए ग़म ही ग़म हमको मिले हैं यहां पे उल्फ़त मेंचश्मे-तर दे गया है कोई नहाने के लिए…

आपने क्या किया मुहब्बत में

आपने क्या किया मुहब्बत में

आपने क्या किया मुहब्बत में फ़र्क़ क्या इश्क़ और मशक्कत मेंआपने क्या किया मुहब्बत में हमने पिंजरा बना के तोड़ दियामशगला आ गया है आफ़त में और लोगों को भी सराहो तुमनइं तो फिर बैठ जाओ ख़लवत में वो कोई शै गुज़र बसर की नहींफिर भी शामिल किया ज़रूरत में ख़ुद की सोची तो ताज…

बिठा तब है मज़ा

बिठा तब है मज़ा

बिठा तब है मज़ा पास मुझको तू बिठा तब है मज़ाजाम आँखों से पिला तब है मज़ा प्यार करता है मुझे तू किस तरहबात यह खुलकर बता तब है मज़ा बज़्म में आते ही छा जाता है तूयह हुनर मुझको सिखा तब है मज़ा डस रहीं हैं मुझको यह तन्हाइयांइनसे तू आकर बचा तब है…

ताजदार करना है

ताजदार करना है

ताजदार करना है वफ़ा की राह को यूँ ख़ुशग़वार करना हैज़माने भर में तुझे ताजदार करना है भरम भी प्यार का दिल में शुमार करना हैसफ़ेद झूठ पे यूँ ऐतबार करना है बदल बदल के वो यूँ पैरहन निकलते हैंकिसी तरह से हमारा शिकार करना है ये बार बार न करिये भी बात जाने कीअभी…

उसका मज़ा ले

उसका मज़ा ले

उसका मज़ा ले गुलों सी ज़िन्दगी अपनी खिला लेजो हासिल हो रहा उसका मज़ा ले मुहब्बत हो गई है तुझको मुझसेनिगाहें लाख तू अपनी चुरा ले खरा उतरूंगा मैं हर बार यूँहींतू जितना चाहे मुझको आज़मा ले लुटा दूँगा मैं चाहत का समुंदरकिसी दिन चाय पर मुझको बुला ले घटा छाती नहीं उल्फ़त की हर…