ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi
ले गया सकूँ
( Le gaya sukoon )
न रही उसको अब उल्फ़त है ?
ले गया सकूँ सब राहत है
चोट लगी ऐसी दग़ा की कल
अब उल्फ़त...
एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali
एक ही थाली में मस्त हैं
( Ek hi thaali mein mast hai )
करते जो शहर भर में दूनाली से गश्त हैं।
हम हैं कि उनकी...
मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh
मुहब्बत तू निभाए रख
( Muhabbat tu nibhaye rakh )
गुलों से घर सजाए रख ?
वफ़ा अपनी बनाए रख
अंधेरों से लगे है डर
चिरागो को जलाए रख
ज़रा...
शराब | Sharab
शराब
( Sharab )
शराबियों की महफ़िल सजी हर जगह यारों,
एक दूसरे को फायदा बताते हर जगह यारों।
भूल कर भी कोई नुक्सान नहीं बताते है,
कहते हैं...
मुहब्बत का गुल | Muhabbat ki Poetry
मुहब्बत का गुल
( Muhabbat ka gul )
करे तेरा रोज़ ही इंतिज़ार है गीता
हुआ दिल तो खूब ही बेक़रार है गीता
ख़फ़ा होना छोड़ दे तू...
कितने आलोक समाये हैं | Kitne Alok
कितने आलोक समाये हैं
( kitne alok samay hai)
तुमने जो निशिदिन आँखों में आकर अनुराग बसाये हैं
हम रंग बिरंगे फूल सभी उर-उपवन के भर लाये...
मुस्कुराना छोड़ दूं | Muskurana Chhod Doon
मुस्कुराना छोड़ दूं
( Muskurana chhod doon )
वो ख़फ़ा गर हैं तो क्या मैं मुस्कुराना छोड़ दूं।
खौफ़ से उनके मैं क्या नग़मे सुनाना छोड़ दूं।
ठीक...
अच्छा लगा | Acha Laga
अच्छा लगा
( Acha laga )
अजनबी बनकर गुज़रने का हुनर अच्छा लगा
इस रवय्ये ने दुखाया दिल, मगर अच्छा लगा
दोस्तों को है मुहब्बत मुस्कराहट से मेरी
दुश्मनों...
सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना | Sunaoon ab Kise Haal...
सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना
( Sunaoon ab kise haal e dil apna )
ख़ुशी के ज़ीस्त में साये नहीं है !
गमों के क्यों ढ़लते...
कम समझता है | Kam Samajhta hai
कम समझता है
( Kam samajhta hai )
दिलों की बात क्यूं जाने वो अक्सर कम समझता है
मेरी फितरत है शोला सी मुझे शबनम समझता है।
मुझे...