Geet Aisa Na Ho

ऐसा न हो कि सारे आसार टूट जाए | Geet Aisa Na Ho

ऐसा न हो कि सारे आसार टूट जाए   ऐसा न हो कि सारे आसार टूट जाए जो हिस्से में मिली है, दीवार छूट जाए। हम नहीं कहते हैं कि तुम साथ रहो मेरे ऐसा न हो नदी का किनार छूट जाए। लोग तो बहुत मिलेंगे तुझे समझाने वाले ऐसा न हो हँसने का आधार…

Geet Mom sa Jigar

मोम सा जिगर | Geet Mom sa Jigar

मोम सा जिगर ( Mom sa jigar )   हम हैं कांटों से तय यह करते हैं आदमी खंजर है जिससे डरते हैं। हँसते चेहरे में लोग तो मिलते हैं फिर भी यकीन नहीं हम करते हैं। लूट गई बेटी कल पड़ोसन की रात में कम सफर हम करते हैं। उतर जाता है दीवार से…

Geet Chunaav Utsav

आ गया फिर चुनाव उत्सव | Geet Chunaav Utsav

आ गया फिर चुनाव उत्सव आ गया फिर चुनाव उत्सव, करो मतदान जाकर के। आ गया फिर चुनाव उत्सव, करो मतदान जाकर के । करो मतदान जाकर के… करो मतदान जाकरंके ….. करो मतदान जाकर के, आ गया फिर चुनाव उत्सव…… कहीं भी तुम रहो भैया , कहीं भी तुम रहो बहना, कहीं भी तुम…

Geet Tum kya Kahoge

तुम क्या कहोगे | Geet Tum kya Kahoge

तुम क्या कहोगे ( Tum kya Kahoge )   हम हलकानी में जी लेते हैं, तुम क्या कहोगे हम आग-पानी में जी लेते हैं, तुम क्या कहोगे। बोते हैं गेहूंँ काटते हैं गेहूंँ बटाई के खेत लिए हम फूसपलानी में जी लेते हैं, तुम क्या कहोगे। हमारे बच्चे होटल में धोते हैं प्लेट पेट के…

Naino ke Tare Aaja

नयनों के तारे आजा | Naino ke Tare Aaja

नयनों के तारे आजा ( Naino ke Tare Aaja )   नयनो के तारे आजा, बुढ़ापे के सहारे आजा। दूध का कर्ज चुकाने, बेटे फर्ज निभाने आजा। नयनो के तारे आजा खूब पढ़ाया तुमको, लाड लडाया तुमको। अंगुली पकड़कर, चलना सिखाया तुमको। तुतलाती बोली प्यारी, शीश झुकाने आजा। ताक रही आंखें रस्ता, झलक दिखाने आजा।…

Geet Ped Raha na Rahe Parinde

पेड़ रहा न रहे परिंदे | Geet Ped Raha na Rahe Parinde

पेड़ रहा न रहे परिंदे ( Ped Raha na Rahe Parinde )   हमें बस दाल रोटी भर जैसे दे दे रब और इससे ज्यादा तुमसे मांगे हैं कब। थके मेरे इन हाथो में वो जोड़ नहीं है जूते सी कर जीते थे वो मोड़ नहीं है रही नहीं स्थिति पहले जैसी है अब। कहते…

Geet Khub Rota Man

खूब रोता मन | Geet Khub Rota Man

खूब रोता मन ( Khub Rota Man )   कभी जब याद तुम आते, दृगों को घेर लेते घन । अकेले में छुपाकर तन, सिसकता खूब रोता मन ।। न कुछ अच्छा लगे जी में, उदासी का रहे पहरा । तुम्हारी पीर अंतर् में, चलाए तीर अब गहरा ।। गए जब छोड़ प्रिय तब से,…

Indian labor

बहुत मुश्किल है जिंदगी में | Geet Bahut Mushkil hai

बहुत मुश्किल है जिंदगी में ( Bahut Mushkil hai Zindagi Mein ) नैया लेकर चल रहे हैं, धार में छोड़ कर जाएंगे क्या भरोसा इनका है कि डूबते को पार लगायेंगे । अपना दाना पानी इनका किसी बहाने चलता है कोई फटे वस्त्र में रोता इनका वस्त्र बदलता है मांझी से पूछेगा कौन क्या घर,-…

Log Aakhir

लोगआखिर क्यों आग लगाते हैं | Geet Log Aakhir

लोगआखिर क्यों आग लगाते हैं ( Log Aakhir Kyon Aag Lagate Hain )   लोग आखिर क्यों आग लगाते हैं फिर मदद के लिए सामने आते हैंं। मैंने देखा है उन्हें चौराहे पर रोते जिनका जला है घर आंँखें भिगोते ऐसे वैसे और झूठे भी समझाते है। लोग आखिर क्यों आग लगाते हैं।। मजहब की…

कैसी हालत है खाने के लिए | Kaisi Halat

कैसी हालत है खाने के लिए | Kaisi Halat

कैसी हालत है खाने के लिए ( Kaisi halat hai khane ke liye )   कैसी हालत है खाने के लिए मारे – मारे फिरे दाने के लिए मेरी झोंपड़ी में चैन की शाम नहीं बच्चे रोते हैं खिलाने के लिए चूल्हे में देख लिया धुआंँ होता नहीं कहता सो जाने के लिए लोग अश्कों…