बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं | राजस्थानी भाषा

बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं   बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं, नैणा सूं बतळावां म्हे। आओ म्हारा प्यारा पांवणा, गीत सुरीला गावां म्हे। पलक पांवड़ा राह बिछादयां, हेत घणों बरसावां...

लोटे की जाति | Kavita Lote ki Jati

लोटे की जाति ( Lote ki Jati ) एक दुकान पर, बहुत से लोटे रखें हैं, दुकान पर, लोटा बस लोटा है, उसकी कोई जाति नहीं है, लेकिन मनुष्य ने, लोटे...

हनुमान जी | Kavita Hanuman Ji

हनुमान जी  ( Hanuman Ji )   मैं नादान मैं नकारा आया आपके द्वार हे प्रभु हनुमान, तेरी मुआख़जा में रहूं मुवाजहा हो मेरे प्रभु हनुमान। तू नबी है...

होली ‌पुरानी | Kavita Holi Purani

होली ‌पुरानी ( Holi Purani )   याद है वो होली मुझको। बीच गांव में एक ताल था, ताल किनारे देवी मन्दिर, मन्दिर से सटी विस्तृत चौपाल, जहां बैठकर बुजुर्ग...

टुन्न टुन्नू की होली | Kavita Tunn Tunnu ki Holi

टुन्न टुन्नू की होली ( Tunn Tunnu ki Holi )   अबकी बेरिया होली मइहां, टुन्नू भइया पीकर भंग। चटक मटक होरिहारन संग, दिन भर रहे बजावत चंग। सांझ भई तो...

शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh

शेखावाटी गंध ( Shekhawati Gandh )   खबरों की खबर है या वो बेखबर है। हमको भी सबर है उन्हें भी सबर है। कहीं आसपास दमके नव ज्योति उजाला। चमक...

हाथों से छीनों न अमराइयाँ | Kavita Amraiyan

हाथों से छीनों न अमराइयाँ   सौदा परिंदों का हम न करेंगे, साँसों की रफ्तार घटने न देंगें। हाथों से छीनों न अमराइयों को, पर्यावरण बिनु कैसे जियेंगे? रोते हैं...

इस होली का क्या कहना | Kavita Holi ka Kya kahna

इस होली का क्या कहना ( Is holi ka Kya kahna )   देखो राधा संग खेले नंदलाल इस होली का क्या कहना देखो उड़े चहूँ ओर...

मुराद | Kavita Murad

मुराद ( Murad )   एक तू ही नही खुदा के आशियाने मे कैद हैं और भी कई इसी अफसाने मे दर्द से हुआ है फरिग् कौन इस...

तृष्णा | Kavita Trishna

तृष्णा (Trishna ) तृष्णाएं सदा संतृप्त, नेह से संसर्ग कर पगडंडियां व्याकुल दिग्भ्रमित, उच्चवाचन मरीचि प्रभाव । सुख समृद्धि मंगलता दूर, निर्णयन क्षमता अभाव । अथक श्रम सफलता चाहना, विराम पल...