आज के बच्चे

Hindi Kavita| Hindi Poem | Hindi Poetry आज के बच्चे

आज के बच्चे ( Aaj Ke Bache ) आज के बच्चे बड़े चालाक करने लगे मोबाइल लॉक खाने पीने में होशियार रोवे  जैसे रोए सियार मांगे बाप से रोज ए पैसा बोले बात पुरानिया जैसा पापा  के पेंट से टॉफी खोजें नहीं मिले तो फाड़े मोजे खाए आम अनार और केला देखे घूम -घूम कर…

बेटियॉं

Hindi Kavita on Betiyan -बेटियॉं

बेटियॉं ( Betiyan )   पढ़  रही  हैं बेटियॉं, बढ़ रहीं हैं बेटियॉं। रोज नये कीर्तिमान, गढ़ रहीं हैं बेटियॉं।       बेटियॉं नहीं दुख की, नीर भरी बदरी है, बेटियॉं नहीं कोई, आफ़त की गगरी है।       बेटियॉं  श्रृंगार और,सृजन की गठरी है, ऊंची-ऊंची सीढ़ियां,चढ़ रहीं हैं बेटियॉं।      …

तुम इतनी कठोर

sad shayari in hindi || तुम इतनी कठोर

तुम इतनी कठोर ( Tum Itni Kathor )   तुम इतनी कठोर कैसे हो सकती हो..? क्या भूले से भी मेरे नाम से तुम्हारा दिल नहीं धड़कता…..   तुम्हारे दिल में मेरे लिए थोड़ा सा भी प्रेम नहीं है क्या जो इतनी बे-मुरोव्वत बन गई हो….   एक हमारी हालात है कि एक पल का…

क्या तुम किसान बनोगे ?

Hindi Kavita on Kisan || क्या तुम किसान बनोगे ?

क्या तुम किसान बनोगे ? ( Kya Tum Kisan Banoge ? ) जब भी छोटे बच्चों से पूछा जाता है- कि तुम बड़े होकर क्या बनोगे ?… सब कहते हैं कि हम बड़े होकर- डॉक्टर, वकील, इंजीनियर , शिक्षक या व्यापारी बनेंगे । परंतु कोई ये नहीं कहता कि हम बड़े होकर किसान बनेंगे ;…

मृत्यु!

hindi poetry on life -मृत्यु!

मृत्यु! ( Mrityu ) ** १ कभी आकर चली जाती है, कभी बेवक्त चली आती है। जरूरी हो तब नहीं आती, कभी बरसों बरस इंतजार है कराती। हाय कितना यह है सताती? कितना है रूलाती ? कब आएगी? यह भी तो नहीं बताती! एकदम से अचानक कभी आ धमकती है, जाने कहां से आ टपकती…

अशांत मन

hindi poetry on life || अशांत मन

अशांत मन ( Ashant Man )   शांत प्रकृति आज उद्वेलित, हृदय को कर रही है। वेदना कोमल हृदय की, अश्रु बन कर बह रही है।   चाहती हूं खोद के पर्वत, बना नई राह दूं । स्वर्ण आभूषण में जकड़ी, जंग सी एक लड़ रही हूं।   घूघंटो के खोल पट, झांकू खुले आकाश…

फिर वही बात!

hindi kavita -फिर वही बात!

फिर वही बात! ( Phir Wahi Baat ) ***** फिर वही बात कर रही है वो, चाहता जिसे भुलाना मैं था वो। ले गई मुझे उस काल कोठरी में, जिसे बांध गांठ , टांग आया था गठरी में। जाने बात क्या हो गई है अचानक? बार बार उसे ही दुहरा रही है, मेरी इंद्रियां समझ…

चैत्र नववर्ष, हिन्दू नववर्ष

Hindu Nababarsha par Kavita || चैत्र नववर्ष, हिन्दू नववर्ष

चैत्र नववर्ष, हिन्दू नववर्ष ( Chaitra Nabbarsha, Hindū Nababarsha )   सकल भू लोक का निर्माण, ब्रहृमा ने किया था जो तिथि। है चैत्र शुक्ला प्रतिपदा सा, श्रेष्ठ   दिन   है   वो   तिथि।   नव सृजन का मधुमास है, तम दूर दिव्य  प्रकाश है। पुष्पो से उपवन है भरे, मनभाव  अन्तर्नाद  है।   यह चैत्र मास…

तुम भी मुझसे

sad shayari in hindi -तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो

तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो ( Tum Bhi Mujhse Utne Hi Door Ho )   तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो जितना आकाश धरती से दूर है   जैसे दुर्लभ है धरती और आकाश का एक हो जाना वैसे ही हम दोनों का मिल पाना दुसाध्य है   दूर से ही तुम्हें…

नाम जिंदा तो रहेगा

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Poetry -नाम जिंदा तो रहेगा

नाम जिंदा तो रहेगा ( Naam Jinda To Rahega )   मनोरम  शब्द  तेरे  सच कहूँ तो तू रथि है। निःशब्द तेरे भाव है पर सच कहूँ तो यति है। अब  देखना है भाव तेरे सामने आयेगे कैसे, पर  सच  है  ये  की  सिर्फ तू ही इक बलि है।   तडपती  पुण्य  भूमि  फिर  मेरा …