नजारा | Kavita Nazara

नजारा | Kavita Nazara

नजारा ( Nazara ) रंग बिरंगी प्रकृति देखो, यौवन के मद मे झूमे, पर्वत पेंड़ों की ये श्रंखला, आकाश नारंगी को चूमें, हरित धरा पर सुमन खिले हैं, बनी मेखला गलियारा, कौन भला इस यौवन पर नही है अपना हिय हारा, अरुणोदय मे अस्ताचल का, अद्भुत देख नजारा, कुछ और देर को ठहर मै जाऊं,…

झमाझम बारिश

झमाझम बारिश | Jhamajham Barish

झमाझम बारिश ( Jhamajham Barish ) देखो देखो बारिश का मौसम है आया। सुहाना मौसम ये सबके मन को भाया। काले काले घनघोर बादल नभ में छाए। गर्मी से व्याकुल पशु पक्षी देख हर्षाए। पेड़ पौधे नव पुष्पों से हुए आच्छादित। जीव जगत के हृदय देख हुए हैं पुलकित। बारिश की बूंदें तन मन को…

मोह

मोह | Kavita Moh

मोह ( Moh ) दौड़ रहा वीथिका-वीथिका, सुख सपनों की मृगमरीचिका, थोड़ी देर ठहर ले अब तू, कर ले कुछ विश्राम। भले पलायनवादी कह दें, रखा नहीं कुछ मोह में। सारी दुनिया नाच रही है, जग के मायामोह में। मोह बिना अस्तित्व नहीं है, बात पुरानी नई नहीं है। सारा जगत इसी पर निर्भर, कितनों…

आम फल

आम फल | Kavita Aam Fal

आम फल ( Aam Fal ) मेरी क्या गलती थी जो मुझे छोड़ दिया। मेरे रस का रसपान बहुत तुमने कर लिया। जब-जब तेरा मन हुआ तब-तब तुमने मुझे चूसा। अब जाने का समय हुआ तो आम से मुँह मोड लिया।। जब आता हूँ तो गुण गान करते हो। मेरी प्रसन्नता के लिए क्या क्या…

ये प्यारे प्यारे बच्चे

प्यारे बच्चे | Kavita Pyare Bache

प्यारे बच्चे ( Pyare Bache ) मन के सच्चे प्यारे बच्चे, हर जिद को रोकर मनवा लेते, शैतानी में शैतान के बप्पा, फिर जिद से हर काम करा लेते। बातें ऐसी मन को मोहें, वीर भाव से लोहा लें। नंग-धडंग घूमते घर में, इटली दो, पोहा पर लोटें। ऐसी हालत घर का बनाए, मेहमान भी…

चाँद की व्यथा | Kavita Chand ki Vyatha

चाँद की व्यथा | Kavita Chand ki Vyatha

चाँद की व्यथा ( Chand ki Vyatha ) चाँद सागर से कहता रहा रात भर, तुम मचलते रहो मैं तरसता रहूँ ।। तुम उफनते रहो अपनी लहरों के संग मैं तो खामोश तुम को तकता रहूँ l अपनी पलकों में तुमको छिपाये हुए, मैं यूँ ही उम्र भर बस पुलकता रहूँ ।। अपने दामन को…

Aachary bhikshu

आचार्य श्री भिक्षु का 299 वाँ जन्म दिवस एवं 267 वाँ बोधि दिवस

आचार्य श्री भिक्षु का 299 वाँ जन्म दिवस एवं 267 वाँ बोधि दिवस – प्रातः स्मरणीय महामना आचार्य श्री भिक्षु के 299 वाँ जन्म दिवस तथा 267 वाँ बोधि दिवस मेरा भावों से शत – शत वन्दन । आज के इस अवसर पर मेरी भावना — आचार्य श्री भिक्षु का 299 वाँ जन्म दिवस एवं…

मोहब्बत में अंतर

मोहब्बत में अंतर | Mohabbat me Antar

मोहब्बत में अंतर ( Mohabbat me Antar ) पहले और अब में बहुत अंतर आ गया है। मिलने मिलाने का अब दौर खत्म सा हो गया है। आत्मीयता का तो मानों अब अंत सा हो रहा है। रिश्तें नाते तो अब सिर्फ टेकनालाजी से निभ रहे है।। वो भी क्या दिन थे जब चुपके चुपके…

रिश्ते-आम कह दूॅ क्या

रिश्ते-आम कह दूॅ क्या?

रिश्ते-आम कह दूॅ क्या? सुनहरी याद को जाम कह दूँ क्या? इस ह्दय को शमशान कह दूँ क्या ।।1। अब प्रतीक्षा सीमा से ज्यादा हो गई, अवतार कल्कि समान कह दूँ क्या ।।2। रोग पुराना होकर भी पुराना कहाँ? दवा तारीफ की सरेआम कह दूँ क्या ।।3। रास्ते भी मंजिल से खूबसूरत बन जाते, प्रेमी…

बादल आषाढ़ के | Baadal Ashad ke

बादल आषाढ़ के | Baadal Ashad ke

बादल आषाढ़ के ( Baadal Ashad ke ) घिर आए फिर बादल आषाढ़ के, हे जलज मेघ तो अब बरसाओ, तपते जेठ से अब त्रस्त हुए सब तुम कुछ राहत तो अब पहुचाओं।। तुम्हारे बिना सुनी थी हरियाली मन में ना कोई भी थी खुशहाली ! प्यासी धारा तप रही चहूं ओर से, तुम बिन…