शरद का चाँद
शरद का चाँद ***** शरद का चाँद लिए दिखा आज अंबर, चांदनी में नहाया जग दिख रहा अतिसुंदर। जगमगा रहा जग सारा रौशनी में नहाकर, कभी छत तो कभी आंगन से- निहार रहा हूं नीलांबर। पछुए की छुअन से सिहरन सी हो रही है, देख चांदनी , चकोरी विभोर हो रही है। उमड़ रहा नयनों…