सब मौन क्यों ?

सब मौन क्यों | Poem sab maun kyon

सब मौन क्यों ? ( Sab maun kyon ) *****  गिरी जीडीपी! बढ़ी महंगाई, डीजल पेट्रोल के मूल्य हैं हाई। कोरोना का हुआ आगमन, ताली थाली से हुआ स्वागतम! पहले शर्माया, फिर पूरी तैयारी कर आया। अब कहर ढा रहा है, दिनों-दिन रूला रहा है। बढ़ी हुई है बेकारी, चहुंओर है मारामारी। युवाओं की है…

अनलाॅक 4.0

अनलाॅक 4.0 | Kavita unlock 4.0

अनलाॅक 4.0 ( Unlock 4.0 ) *** लाॅकडाउन से छुटकारा मिला है, कोरोना से नहीं! बाजार जाएं शौक से पर बरतें सावधानियां कई? बात नहीं है कोई नई, सारी हैं वही। लापरवाही पड़ सकती है भारी, निकल जाएगी सारी होशियारी। संक्रमण से रहना है बचकर, तो निकलो मास्क पहनकर। व्यक्तिगत दूरी का भी रखें ख्याल,…

बादल

बादल | Badal par kavita

बादल ( Badal ) *** ओ रे ! काले काले बादल, बरस जा अब, सब हो गए घायल ! धरती अंबर आग उगल रहे, ऊष्मा से ग्लेशियर पिघल रहे! सूख गए हैं खेतों के मेड़, बरसो जम कर- अब करो न देर । ओ रे ! काले काले बादल… बरसो … हर्षे बगिया, हर्षे मुनिया।…

एक अजीब लड़की

एक अजीब लड़की | Poem ek ajeeb ladki

एक अजीब लड़की ! ( Ek ajeeb ladki ) ***** घड़ी घड़ी कपड़े है बदलती, बिना काम बाजारों में है टहलती। अभी दिखी थी साड़ी में, अब आई है गाउन में; नयी नयी लग रही है टाउन में। अधरों पर लिए अजीब मुस्कान, कुछ खास नहीं उसकी पहचान। मुखरे पर किए अतिशय श्रृंगार, युवा धड़कनें…

सब क्यों नहीं?

सब क्यों नहीं | Kyon nahi | kavita

सब क्यों नहीं ? ( Sab kyon nahi ) ***** खुशबू सा महक सकते? चिड़ियों सा चहक सकते? बादलों सा गरज सकते? हवाओं सा बह सकते? बिजली सा चमक सकते? बर्फ सा पिघल सकते? सूर्य सा जल सकते? नदियों सा लहरा सकते? तिरंगा सा फहरा सकते? भौरों सा गुनगुना सकते? कोयल सी कू कू कर…

कोरोना काल में हो रहे सब मोटे !

कोरोना काल में हो रहे सब मोटे | Corona kal par kavita

कोरोना काल में हो रहे सब मोटे ! ***** कोरोना काल में बिगड़ी है आदत, बढ़ी है तला भुना खाने की चाहत। छुट्टियों जैसे सब खाना खा रहे हैं, रोग-प्रतिरोधक क्षमता गंवा रहे हैं। कैलोरी की खपत बढ़ी है, वायरस से लड़ने की क्षमता घटी है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने- इसका खुलासा किया है,…

रक्त पीना : मच्छरों की शौक या मजबूरी ?

रक्त पीना : मच्छरों की शौक या मजबूरी | Machchhar par kavita

रक्त पीना : मच्छरों की शौक या मजबूरी? ******* ये हम सभी जानते हैं, मच्छर खून पीते हैं। डेंगी , मलेरिया फैलाते हैं, सब अक्सर सोचते हैं! ये ऐसा करते क्यों हैं? पीते खून क्यों हैं? जवाब अब सामने आया है, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी ने बताया है; जवाब ने सबको चौंकाया है। आरंभ से मच्छरों को…

हरि अब दर्शन दो

हरि अब दर्शन दो | Poem hari ab darshan do

हरि अब दर्शन दो  ( Hari ab darshan do ) ***** ओ री हरि, अब दर्शन दो री। कलयुग में- मति गई मारी, क्या राजा? क्या भिखारी? जगत पापी से भरी, भगत पापी से लड़ी। धरा को है कष्ट अपार, त्राहि-त्राहि करे संसार। ओ री हरि, अब दर्शन दो री। असत्य सत्य पर अब है…

अज़ान

अज़ान | Poem on Azaan in Hindi

अज़ान ( Azaan ) *****   मोमिनों की शान खुदा का फरमान बुलावे की कलाम होती पांच वक्त अज़ान। जब हो जाए नमाज़-ए-वक्त, मुअज्जिन लगाते- आवाज़ -ए- हक़। सुन नमाज़ी दौड़ पड़ते- मस्जिदों की ओर, कुछ नहीं भी पढ़ते दिखाकर अपनी बीमारी कामों की फेहरिस्त और व्यस्तताओं का हवाला दे करते हैं इग्नोर । अभी…

सुण पागली

सुण पगली | Poem soon pagli

सुण पगली ( Soon pagli )     सुण पागली…..! तनै तो कुछेक दिनां म्हे ही मेरा क़रार लूट लिया तेरी नजरां नै मेरा चैन छीन लिया तेरी मीठी मीठी बातां नै मेरे दिल का सुकून ले लिया……..   तनै तो इसकी ख़बर भी कोन्या पागल कि मैं तनै अपणा ईब मानण लाग गया……….! तनै…