Prem ki Ganga Nahaoon

प्रेम की गंगा नहाऊँ | Prem ki Ganga Nahaoon

प्रेम की गंगा नहाऊँ कि जिसकी प्रीत का दीपक जलाऊं, उसी के प्रेम की गंगा नहाऊँ। वो मेरा श्याम है सुंदर सलोना उसी की बावरी राधा कहाऊं।। वो मेरा देव मैं बन कर पुजारन, उसी को मन के मंदिर में सजाऊं। लगन ऐसी लगी उस बावरे से, उसी से रूठ कर उसको मनाऊं। बिना देखे…

नशा

नशा | Kavita Nasha

नशा ( Nasha ) नशा एक जलती चिता, नशे का नशा, जिस किसी को लगा, कवेलू तलक, उसके घर का बिका! नशा —— एक जलती चिता, नन्हें बच्चों का भविष्य, दांव पर लगा! घर स्वर्ग से नरक का रूप, धारण करने लगा! अन्न मिलता नहीं, तड़पते हैं बच्चे भूख से, विधवा उसकी पत्नी, लगती है…

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस   बस एक कदम, खुशियों की ओर तंबाकू सर्वदा हानिकारक, तन मन धन हीनार्थ बिंदु । विचलित दशा दिशाएं, दूरी यथार्थ आनंद सिंधु । क्रोध वैमनस्य घृणा संग, हर पल नैराश्यता सराबोर । बस एक कदम, खुशियों की ओर ।। तंबाकू मिश्रित विविध पदार्थ, सर्वत्र सहज सुगम उपलब्ध । आरंभ शौक…

Sabke Ram

हे आर्य पुत्र | Kavita He Arya Putra

हे आर्य पुत्र ( He Arya Putra ) हे आर्य पुत्र, तूफानों में दीप जला दर्श पथ कंटक बाधा , किंचित नहीं घबराना । थोड़ा चिंतन मनन कर, मूल कारण पत्ता लगाना । फिर लगा दुगुनी ताकत, दिखा मनुज जलजला । हे आर्य पुत्र, तूफानों में दीप जला ।। बुलंद हौसलों संग होती, हर मंजिल…

Shree Ram ki Vanshavali

घर में राम पधारे | Kavita Ghar me Ram Padhare

घर में राम पधारे पावन दिवस जनवरी बाईस घर में राम पधारे ! विजई हुआ ये सत्य सनातन धन-धन भाग्य हमारे !! बंदी बना दिया पटना में अवध में गोली चलवाई ! धिक्कार तुम्हें छद्मवेशियों क्या लाज तुम्भें ना आई !! लाल हुआ सरयू का पानी माँ का कोख उजाड़ दिया ! मानवता हो गई…

पर्यावरण संरक्षण | विश्व पर्यावरण दिवस विशेष

पर्यावरण संरक्षण | विश्व पर्यावरण दिवस विशेष

पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण संरक्षण,आज जरूरी प्रकृति,पर्यावरण सखा हमारी, छेड़-छाड़ लाएगा, विभीषिका, कोरोना काल है दृष्टांत,भयंकर।।। वन,जंगल,वृक्ष,बगीचा,हितैषी, फल-फूल,इंधन,डालपात,ऋषि संजीवनी बुटी,औषधी, भंडार, पर्यावरण से मिले,सुकून,उपहार।।। पीपल,बरगद,तुलसी,मूल्यवान, जरा,आधि,व्याधि,निजात धन वातावरण रहे ठंडा,उर्जावान, पथिक को मिले हवा,छाया,रमण।। वृक्ष सहायक लाने मानसून,राम कटाई से जलसंकट का ख़तरा, जन-जीवन के आगे चुनौती, व्यष्टि नहीं समष्टि से,निदान।।। शहरीकरण से इजाफ़ा,उद्योग, प्रदूषण बढ़ता,सांस…

अरुणोदय काल | Kavita Arunoday Kaal

अरुणोदय काल | Kavita Arunoday Kaal

अरुणोदय काल ( Arunoday Kaal )   निगल रहा सूरज अंधियारी, अहा भोर कितनी प्यारी, उभरा सूर्य अक्स सरोवर, छिटक गईं किरणें पानी पर, अरुणोदय का काल सुहाए, निखरी छटा प्रकृति की भाए, खुली ऑख अंगड़ाई संग, शुरू हुई जीवन की जंग, भानू महायोग है लाया, किरणों ने सब रोग भगाया, नित प्रभात की किरणें…

Indian

लोकतंत्र | Kavita Loktantra

लोकतंत्र ( Loktantra )   हम घुट घुट कर जियें मरें, क्या यही हमारा लोकतंत्र है! बहती जहां सियासी गंगा, चेहरा जिसका राजतंत्र है!! जनसेवा का भाव लिये जो, चरते हैं मानवता को ! लगा मुखौटा राष्ट्रप्रेम का, दिखलाते दानवता को !! सुविधा शुल्क के चक्कर में, दिख रहा चतुर्दिक लूटतंत्र है! हम घुट घुट…

तेरे साथ ये लम्हे | Tere Sath ye Lamhe

तेरे साथ ये लम्हे | Tere Sath ye Lamhe

तेरे साथ ये लम्हे ( Tere Sath ye Lamhe )   बुझते को ज्योति हो जैसे, भूखे को रोटी हो जैसे, तेरे साथ ये लम्हे ऐसे, सीप मे मोती हो जैसे, श्री हरि की पौड़ी जैसे, राधा कृष्ण की जोड़ी जैसे, इन लम्हों मे मै हो जाऊॅ चंदा की चकोरी जैसे, मिसरी की मीठी डलियों…

अवध के धाम जाएंगे

अवध के धाम जाएंगे

अवध के धाम जाएंगे   अवध के धाम जाएंगे, राम के दर्शन पाएंगे। उत्सव मिल मनाएंगे, झूम-झूम नाचे गाएंगे। अवध के धाम जाएंगे शब्दाक्षर मंच पावन, संगम होने वाला है। मनोरम छटा भावन, मोती पिरोने वाला है। राष्ट्र के गीत गुंजेंगे, राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। कवि मुखर सुनाएंगे, फनकार मिलन होगा। शब्दाक्षर हुआ सिरमौर, पदाधिकारी आएंगे।…