Kavita Hey Ravi

हे रावी | Kavita Hey Ravi

हे रावी! ( Hey Ravi ) मुझे जिसकी तक़दीर पे आज भी अभिमान है वो भूखा-नंगा ही सही, मेरा हिन्दुस्तान है इस बांस-बन में छांव का आना है सख्त मना, चांद को भी जैसे यहाँ फांसी का फरमान है अब शहर मांस के दरिया में तब्दील हुआ, इसीके जख़्मो का मवाद अपने दरमियान है कल…

Kavita Yogi Ban

योगी बन | Kavita Yogi Ban

योगी बन ( Yogi Ban )   ध्यान धर चिंतन कर योगी बन तू कर्म योगी बन नित नव नूतन हर पल कर सफल अपना जीवन योगी बन नश्वर जगत नश्वर काया स्थिर नहीं कुछ सब माया सूक्ष्म अणु रूप प्राण पाया कर प्रज्ज्वलित मन चेतन योगी बन यह अनुपम जीव यात्रा देह जैसे अक्षर…

हे वागेश्वरी मैया, ऐसा वर दे

हे वागेश्वरी मैया, ऐसा वर दे

हे वागेश्वरी मैया ,ऐसा वर दे   मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । गुंजित कर मधुमय गान , नव रस लहर मानस सर दे । हे वागेश्वरी मैया,ऐसा वर दे ।। दुर्बल छल बल मद माया, प्रसरित जग जन जन । दे निर्मल विमल मति, तमस…

बंजारा के दस कविताएं

बंजारा की दो नयी कविताएँ

बंजारा की दो नयी कविताएँ ( 1 )  देवता कभी पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें देवता कभी मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें देवता कभी प्लास्टिक में देखे गये और सांचे गयें. देवता लगातार सूखे पत्तों और कोरे कागजों पर चित्रित किये जाते रहें. मगर…अफ़सोस ! देवताओं को कभी हमने दिल में…

Kavita Tumhe Rona Nahi Hai

तुम्हे रोना नहीं है | Kavita Tumhe Rona Nahi Hai

तुम्हे रोना नहीं है ( Tumhe Rona Nahi Hai )   हे! पुरुष! तुम्हे रोना नहीं है खो जाना है सबमे मगर खुद मे होना नहीं है हे पुरुष! तुम्हे रोना नहीं है भले तुमसे हि है अस्तित्व परिवार और समाज का तुम पर ही है जिम्मेदारी का बोझ फिर भी, हे पुरुष! तुम्हे रोना…

Kavita Kavya Milan

काव्य मिलन | Kavita Kavya Milan

काव्य मिलन ( Kavya Milan )   माँ-बाप से बढ़कर, हमें करता कोई प्यार नहीं, उनसे ही वजूद हमारा उनके बिना संसार नहीं, हाथ पकड़कर चलना वो ही हमें सिखलाते हैं, उनसे ज़्यादा इस दुनिया में और मददगार नहीं, जब-जब चोट हमें लगती मरहम वो बन जाते, तबीब भी कोई उनके जैसा है तर्जुबेकार नहीं,…

Kavita Aaj ki Shaadi mein

आज की शादी में | Kavita Aaj ki Shaadi mein

आज की शादी में ( Aaj ki shaadi mein )   हो रहा है सतरंगी आकाश आज की शादी में बारात आई है इस शहर की घनी आबादी में। छोड़े नहीं कोई चावल – रोटी लेकर थाली में आँसू बह जाते हैं बिखरे दानों की बर्बादी में। कुत्ते अलग ही टूट रहे हैं एक दूजे…

Kavita Read Your Way

रीड योर वे , आनंद का परम स्पंदन | Kavita Read Your Way

रीड योर वे , आनंद का परम स्पंदन   पुस्तक आभा मनोहारी, उरस्थ शीतलता प्रदायक। तृप्त कर जिज्ञासा पटल, अभिव्यक्ति प्रेरणा नायक । शब्द भाव सरित वाहिनी, नित्य शुभता मानस मंडन । रीड योर वे, आनंद का परम स्पंदन ।। स्व रुचि अभिरुचि चयन, विषय शीर्षक सहज विकल्प । ज्ञान तरंगिनी भव्य उपमा, शिक्षण अधिगम…

Dr Jaspreet Kaur Falak

ਕਿਤਾਬੀ ਮੋਹ

ਡਾ. ਜਸਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਫ਼ਲਕ ਜੇ ਕਿਤਾਬਾਂ ਸੰਗ ਦੋਸਤੀ ਨਾ ਹੁੰਦੀ ਹਰਫ਼ਾਂ ਸੰਗ ਪਿਆਰ ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਤਾਂ ਮੈਂ ਵੀ ਘਰ ਦੀ ਚਾਰ-ਦੀਵਾਰੀ ਅੰਦਰ ਭੁਰਪੁਰੇ ਲਿਉੜ ਲੱਥੇ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾ ਨੂੰ ਲਿੱਪਦੇ-ਪੋਚਦੇ ਖਪ ਜਾਣਾ ਸੀ। ਸ਼ੁਕਰ ਮੇਰੇ ਰੱਬਾ! ਤੂੰ ਮੈਨੂੰ ਹਰਫ਼ਾਂ ਰਾਹੀਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੇ ਲੜ ਲਾਇਆ ਤਨਹਾਈ ਦੀਆਂ ਧੁੱਪਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਿਮਟੇ ਤਜਰਬਿਆਂ ਨੇ…

Poem Ginti ki Saanse

गिनती की सांसे | Poem Ginti ki Saanse

गिनती की सांसे ( Ginti ki Saanse )   फूटल कौड़ी साथ में केहू न लेके जाई, लूटा मत दुनिया के सुना मेरे भाई। पाप और पुण्य कै ई बाटे दुई डगरिया, दुई दिन कै जिनगी बा, छूटी ई बजरिया। सोनवाँ जस देहियाँ के दीहैं लोग जलाई, लूटा मत दुनिया के सुना मेरे भाई। फूटल…