Kavita Nivedan

निवेदन | Kavita Nivedan

निवेदन ( Nivedan ) निवेदन है धरा से मत हो वीराना , अरदास है ईश से भूलें न कृपाना, आह्वान है आकाश सै रंग नीलिमा न बदलना, गुजारिश है बादलों से वर्षा अमृत न भूलना, आरजू है आदमी से आदिमकाल न जाना। शेखर कुमार श्रीवास्तव दरभंगा( बिहार) यह भी पढ़ें :- छोटी चीजें | Kavita…

Purnika Sabko Matdan Karna Padega

सबको मतदान करना पड़ेगा | Purnika Sabko Matdan Karna Padega

सबको मतदान करना पड़ेगा   बात मानो हमारी सारी जनता। वोट डालने तो जाना पड़ेगा।। ये जो अधिकार सबको मिला है। यही कर्तव्य निभाना पड़ेगा।। चाहे लाखों हों काम वोट के दिन। पर समय तो निकालना पड़ेगा।। एक एक वोट रहता जरूरी। अपना मत दान देना पड़ेगा।। घर मोहल्ले में कोई ना छूटे। सबको मतदान…

Kavita Tamasha

तमाशा | Kavita Tamasha

तमाशा ( Tamasha )   कौन कहता है आईने झूठ नहीं बोलते वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं दिये गये सम्मान में भी दिली सम्मान कहाँ होता है उसमे तोचापलूसी के पीछे छिपा मतलब हि होता है झंडा उठाने वाले भी लेते हैं अपनी मजदूरी दल से उन्हें किसी हमदर्दी नहीं…

Kavita Maa Pita

मां- पिता | Kavita Maa Pita

मां- पिता  ( Maa Pita )   मां जान है तो , पिता आत्मा है, आत्मा जब रोती है तो , जान निकल जाती है। जीने के लिए , मानव को चाहिए , माता-पिता का, आशीष रूपी छांव । मां पिता है तो , जीवन का अस्तित्व है, मां पिता नहीं है तो, जीवन अस्तित्वहीन…

लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan

लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan

लोकतंत्र अभयदान लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था, सशक्त नागरिक अधिकार । अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन, राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार । योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि, सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान। लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान।। जाति धर्म पंथ आकर्षण, मतदान राष्ट्र अहितकारी । प्रसरित जनमानस वैमनस्य, परिणाम अभिवृद्धित भ्रष्टाचारी । संविधान प्रदत्त शक्ति संग,…

Kavita Bhookh aur Bhagwan

भूख और भगवान | Kavita Bhookh aur Bhagwan

भूख और भगवान ( Bhookh aur Bhagwan )   भूख और भगवान में, कौन बड़ा? कौन छोटा ? छिड़ी जंग है। भूख है कि, मिटने में नहीं आती , बार-बार पेट, भरना पड़ता है । एक बार भूख लगने पर, खाने के बाद भी, फिर बार बार, खाना पड़ता है। भगवान की कथा, सुनाने वाले…

Kavita Aahat

आहट | Kavita Aahat

आहट ( Aahat )   घर के भीतर तो नज़र आती हैं दीवारे हि रास्ते तो बाहर हि दिखाई देते हैं उजाले की चाहत में कलियाँ अंधेरे मे ही सजती संवरती हैं आते नहीं कहकर अवसर कभी उनकी आहट को हि महसूस करना होता है गफलत भरी नींद को हि लापरवाही कहते हैं आभास हि…

Kavita Hey Prabhu Ram

हे प्रभु राम | Kavita Hey Prabhu Ram

हे प्रभु राम! ( Hey Prabhu Ram )   तुमको मेरे प्राण पुकारें। अंतस्तल की आकुलता को देख रहे हैं नभ के तारे। निविड़ निशा की नीरवता में, हे प्रभु! तुमको प्राण पुकारें। सब कुछ सूना सा लगता है। प्रतिपल व्यथा भाव जगता है। कोई दस्यु सदृश ठगता है। हे प्रभु राम! तुमको मेरे प्राण…

राम मंदिर महोत्सव | Kavita Ram Mandir Mahotsav

राम मंदिर महोत्सव | Kavita Ram Mandir Mahotsav

राम मंदिर महोत्सव   सुन लो सुन लो सारे जग वालों, आपस में लड़ने वालों, रहो ईमान से। राम आए हैं बताने ये जहान से।। राम मंदिर बना है बड़ा सुंदर, भारत में है महोत्सव , अवधपुर की शान से । आशा जागी हैं श्री राम भगवान से। भारत में आईं हैं खुशियां सुहानी, भारत…

Kavita Apne Apne Ram

हम सबके सियाराम

हम सबके सियाराम   विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते । सुख दुख सम समझो सिखलाते सत्य विजय सबको दिखलाते । सबका करें कल्याण गर्वित हो गया हिदोस्तान । हम सबके सियाराम । माता पिता…