Kavita Aaj Bhi Betiyan

आज भी बेटियाँ | Kavita Aaj Bhi Betiyan

आज भी बेटियाँ ( Aaj Bhi Betiyan )   सिल बट्टा घिसती है, खुद उसमे पिसती है, बूँद बूँद सी रिसती है, मगर फिर भी हँसती, आज भी बेटियाँ गाँव शहर में….!! नाज़ो से पलती है, चूल्हे में जलती है, मनचाही ढलती है, फिर भी ये खलती है, आज भी बेटियाँ गाँव शहर में ….!!…

Kavita Sharmsar Manavata

शर्मसार मानवता | Kavita Sharmsar Manavata

शर्मसार मानवता ( Sharmsar Manavata )   धधकती स्वार्थ की ज्वाला में पसरती पिशाच की चाह में भटकती मरीचा की राह में चौंधराती चमक की छ्द्म में अन्वेषी बनने की होड़ में त्रिकालदर्शी की शक्ल में, दिखता है मानव वामन बनके चराचर जगत को मापने लगायी है अनगिन कतारें शुम्भ-निशुंभों की छाया में प्रकट है…

Kavita Thakan

थकान | Kavita Thakan

थकान ( Thakan )   जरूरी नहीं कि हर अंधेरा रोशनी के साथ हि पार किया जाय हौसलों के दीये कुछ दिल में भी जलाये रखा करिये माना कि गम कम नहीं जिंदगी में आपकी जरूरते भी तो कम नहीं पैदल के सफर में लगता है वक्त भी पास की भी दूरी लगती कम नहीं…

Vasantik Navratri

वासंतिक नवरात्र द्वितीय | Kavita Vasantik Navratri

वासंतिक नवरात्र द्वितीय   जीवन पथ ज्योतिर्मय, मां ब्रह्मचारिणी उपासना से नवरात्र द्वितीय परम बेला, रज रज आध्यात्म सराबोर । भक्तजन शीर्ष स्तुति भाव, भक्ति आह्लाद चारों ओर । मां ब्रह्मचारिणी वंदन अभिनंदन, मंगल पावन हिय भावना से । जीवन पथ ज्योतिर्मय, मां ब्रह्मचारिणी उपासना से ।। अमोध फलदायिनी आभा, अद्भुत अनुपम व विशेष ।…

ईद सबके लिए खुशियाँ नहीं लाती

ईद सबके लिए खुशियाँ नहीं लाती | Eid Kavita

ईद सबके लिए खुशियाँ नहीं लाती   रोजे हुए मुकम्मल अब ईद आई है कहाँ से लाऊँ? घी शक्कर सेवइयां नये अंगवस्त्र… बच्चों की है जिद जबरदस्त! ईदगाह जाने की है जल्दी कैसे समझाऊँ उन्हें? फाकाकशी है घर में रेशमी लिबास नहीं दाल आटा जरूरी है जिंदा रहने के लिए परवरदिगार, सब्र अता फरमा इन…

Kavita Karm

कर्म से तू भागता क्यों | Kavita Karm

कर्म से तू भागता क्यों ?   क्या बंधा है हाथ तेरे कर्म से तू भागता क्यों? पाव तेरे हैं सलामत फिर नहीं नग लांघता क्यों? नाकामियों ने है डराया वीर को कब तक कहां ? हार हिम्मत त्याग बल को भीख है तू मांगता क्यों ? मानता तू वक्त का सब खेल है बनना…

Kavita Eid Mubarak

ईद मुबारक़ | Kavita Eid Mubarak

ईद मुबारक़ ( Eid Mubarak )   ईदुल फ़ितर मुबारकबाद अल्लाह रखे आबाद ईदुल फ़ितर मुबारकबाद अल्लाह रखे शादाब माहे पाक रमज़ान में रोज़े रखे अ़क़ीदत से बड़े स़िदक़ से रखे वक़्त पर स़िह़री इफ़्तार का ख़्याल ईमान नही होने दिया ज़रा पायमाल आई ईद ख़ुशियां लाई ईद मुबारक़ दीन की दावत लाई ईद मुबारक़…

शादी में दावत

शादी में दावत | Kavita Shadi me Dawat

शादी में दावत ( Shadi me Dawat ) शादी हो बेटा बेटी की दावत खाएं हम सब खर्च हो मां-बाप का मजा उड़ाएं हम सब शादी का निमंत्रण आते ही देखें तारीख प्रतिभोज फिर मन में आता ख्याल अब तो व्यंजनों की होगी मौज तरह-तरह के पकवान रखे वहां फिर भी आंखें ढूंढे और नये…

Kavita Man ki Diary

मन की डायरी | Kavita Man ki Diary

मन की डायरी ( Man ki Diary ) मन की डायरी में लिखे है कुछ अनकहे अलफ़ाज़ जिन्हे पढ़ने के लिए जरूरत होगी तुमको रूह में उतरने की, हृदय समंदर में डूबकर अहसासों के सीप चुनने की, क्या तुम चुन पाओगे मेरे मन को पढ़ पाओगे !! डी के निवातिया यह भी पढ़ें:- हे, मनुज…

Kavita Gungaan

गुणगान | Kavita Gungaan

गुणगान ( Gungaan )   मिलते रहो मिलाते रहो सभी से जाने कब जिंदगी की शाम हो जाये फुरसत हि मिली नहीं काम से कभी जाने कब आराम हि आराम हो जाए लोभ, लाभ, धन, बैर रह जायेंगे यहीं भूल जायेंगे अपने भी चार दिन के बाद ही बनती हि चली आई है गृहस्थी आज…