कर्म से तू भागता क्यों | Kavita Karm
कर्म से तू भागता क्यों ?




पर्यावरण की व्यथा ( Paryavaran ki vyatha ) बहुत दुखी हैं आज प्रकृति। सबसे अपनी व्यथा कहती, कोई सुने इसकी गुहार, बंद करें इसका संहार। पल पल पीड़ा को सहती, बहुत दुखी हैं आज प्रकृति। अपनी जरुरत की खातिर, क्युॅ॑ चलाते धार हथियार। इसे भी तो कष्ट होता, कभी समझें इसका प्यार। सभी को…

अभिनंदन नव वर्ष तुम्हारा ( Abhinandan Nav Varsh Tumhara ) आओ नये वर्ष में यह संकल्प करें, बीती बातों को नजर अन्दाज करें। दिये जो जख़्म हमें पुराने साल ने, मिलकर खुशियों से उन्हें नष्ट करें।। आपसी मतभेद सबसे हम मिटाऍं, घर परिवार में फिर से प्यार बढा़ऍं। समाज देश में अपनी प्रतिष्ठा लाऍं…

मकर संक्रान्ति पर्व पर ओज पुंज सूर्यदेव भगवान, सहर्ष उत्तरायन शुभागमन । धरा गगन उत्संग शुभता, रज रज पावनता रमन । देवलोक जागरण बेला, आनंद जीवन अंकुर नर्व पर। पुण्यों का श्री वंदन,मकर संक्रान्ति पर्व पर।। जप तप अर्पण तर्पण , अद्भुत अनुपम संयोग । मंगलता अथाह संचरण, परमानंद अनुभूत योग। नूतनता उत्सविक श्रृंगार, कर्म…

जन्मदिन की बधाईयाॅं जननायक ( Janmdin ki badhaiyan jananayak ) जन्म-दिन की बधाईयाॅं जननायक राजस्थान, समाज सेवा में सक्रिय रहकर बनाई पहचान। इस लोकसभा के युवा सांसद रहें कभी आप, राजनिति रास्तें में आये आपके ढ़ेर व्यवधान।। विद्यार्थी समय से रूचि थी आपमे ये भरमार, स्काउट एवं एनसीसी से सीखें प्यार व्यवहार। सादगी के…

पर्यावरण बचाना है पर्यावरण बचाना है तो , पीपल, बरगद, नींम लगाएं ! तपती धरती को अपने हम, आवर्षण से मुक्ति दिलाएं !! जाड़ा, गर्मी, बरसात और ऋतु चक्र सही हो जाएगा ! रोग दोष से मुक्ति मिलेगा, घर खुशियों से भर जाएगा !! पर्यावरण संतुलित होगा, धरती हरी भरी होगी ! लहराएंगी फसलें चहुंदिश,…

काश (कांस) के फूल बचपन से मैनें देखा है,काश के फूलों को खिलखिलाते।सफेद सफेद काश के फूल,हवा के झोकों से लहराते।खेत के मेड़ों में,खुले मैदान पर,नदी किनारे,घाट पहाड़ पर।जब काश के फूल खिलते,वर्षा विदाई का संकेत दे जाते।1। रुई-सी सफेद काश के फूल,धरती का नया परिधान है।अपनी ख्वाहिशों की तरह बिखर जाने का अभिमान है।कोमलांगी…