शौक़ है | Ghazal Shauk Hai
शौक़ है ( Shauk Hai ) बज़्म-ए-सुख़न की शान बढ़ाने का शौक़ है। हमको भी शेअ़र सुनने-सुनाने का शौक़ है। तूफ़ान के ह़दफ़ पे तो रहना ही है उन्हें। जिनको वफ़ा के दीप जलाने का शौक़ है। कांटे किसी की राह में वो क्या बिछाएंगे। पत्थर पे जिनको फूल चढ़ाने का शौक़ है। हरगिज़ किसी…