संभालते क्यों हो

संभालते क्यों हो | Ghazal Sambhalte Kyon Ho

संभालते क्यों हो ( Sambhalte Kyon Ho ) हजारों ऐब वो मुझ में निकालते क्यों हैं मैं गिर रहा हूँ तो मुझको संभालते क्यों हैं दिखा है जब भी अंधेरा उन्हें मेरे घर में चिराग़ आके हमेशा वो बालते क्यों हैं किसी की बात चले या किसी से हो शिकवा हरेक तंज़ वो मुझ पर…

सूरज निकाल देता है | Ghazal Suraj Nikal Deta Hai

सूरज निकाल देता है | Ghazal Suraj Nikal Deta Hai

सूरज निकाल देता है ( Suraj Nikal Deta Hai )   बड़ी अजीब सी उलझन में डाल देता है मेरे सवाल को हँस हँस के टाल देता है हुनर को अपने वो ऐसा कमाल देता है नदी का दर्द समुंदर में डाल देता है करो न फ़िक्र कि हम भी उसी के बंदे हैं बड़ा…

मुक़द्दर से सामना है मेरा

मुक़द्दर से सामना है मेरा | Muqaddar se Samna hai Mera

मुक़द्दर से सामना है मेरा ( Muqaddar se Samna hai Mera ) बड़े अजीब से मंज़र से सामना है मेरा बग़ैर कश्ती समुंदर से सामना है मेरा जहाँ जलाई गईं हसरतें मेरे दिल की उसी चराग़ उसी दर से सामना है मेरा अजीब दिल की ये हालत है क्या बताऊं तुम्हें किसी हसीन के पत्थर…

बड़ा नादान है तू | Bada Nadan Hai tu

बड़ा नादान है तू | Bada Nadan Hai tu

बड़ा नादान है तू ( Bada Nadan Hai tu ) बड़ा नादान है तू बेवजह हलकान होता है समझ पाना मिज़ाज -ए-यार क्या आसान होता है। लबों पे मुस्कुराहट कहर लेकिन दिल में रखते हैं नया इक रोज़ ज़ारी क़त्ल का फ़रमान होता है। हमारे दिल में क्या है क्या नहीं सब जानता है वो…

तेरी आँखे | Teri Aankhen

तेरी आँखे | Teri Aankhen

तेरी आँखे ( Teri Aankhen ) देती क्या ये इशारा है तेरी आँखे करें दिलकश नज़ारा है तेरी आँखे ! देखीं है जब से खुबसूरत निगाहों को, हुई इश्क -ऐ -सहारा है तेरी आँखे ! मुहब्बत का मिला हमको शगन यारो, मेरी जश्न -ऐ -बहारा है तेरी आँखों ! निशा में हो जैसे चमका अभी…

Desh ke Naam

आज़ादी ऐ वतन का | Ghazal Azadi – e – Watan Ka

आज़ादी ऐ वतन का ( Azadi – e – Watan Ka ) बेशक वरक़ वरक़ पे ही कोई नज़र रहे उन्वान दास्तान का हम ही मगर रहे जब तक हैं लाल तेरे यहाँ मादर-ऐ-वतन फहरेगा चोटियों पे तिरंगा ख़बर रहे आज़ादी -ऐ-वतन का ये जलता रहे दिया यारो हवा के रुख पे बराबर नज़र रहे…

आप जब बोलेंगे तो सब

आप जब बोलेंगे तो सब,बोलने लग जाएंगे

आप जब बोलेंगे तो सब,बोलने लग जाएंगे आप जब बोलेंगे तो सब, बोलने लग पायेंगे ! आप चुप होंगे तो सारे, लोग चुप हो जाएंगे !! आप चल दें तो सफर, हरएक हो सकता शुरू आप ठहरेंगे तो सब के, पांव भी रुक जाएंगे !! आप अपना जर्फ दुनिया,में अगर दिखलाएंगे हादसे खुशनुमाई की ,…

ख़याले-यार | Ghazal Khayale-Yaar

ख़याले-यार | Ghazal Khayale-Yaar

ख़याले-यार ( Khayale-Yaar ) ख़याले-यार से बढ़कर कोई ख़याल नहीं शब-ए-फिराक़ है फिर भी ज़रा मलाल नहीं किसी की सम्त उठा कर निगाह क्या देखें तेरे जमाल के आगे कोई जमाल नहीं जमाले -यार की रानाइयों में खोया हूँ फ़ज़ा-ए-मस्त से मुझको अभी निकाल नहीं उड़ेगी नींद तू खोयेगा चैन दिन का भी दिमाग़ो-दिल में…

बहकी-बहकी सी | Ghazal Behki Behki Si

बहकी-बहकी सी | Ghazal Behki Behki Si

बहकी-बहकी सी ( Behki Behki Si ) बहकी-बहकी सी वो रहती तो है कब से, मन ही मन में कुछ वो कहती तो है कब से ! चल रहा है क्या ना जाने दिल में उसके, बन शिला सी सब वो सहती तो है कब से ! राज कुछ तो है छुपा दिल में दबाये,…

जो ख़त पढ़ो 

जो ख़त पढ़ो | Ghazal Jo Khat Padho

जो ख़त पढ़ो  ( Jo Khat Padho ) जो ख़त पढ़ो तो इबारत पे ग़ौर मत करना हमारा ज़िक्र किताबों में और मत करना छुपाये बैठे हैं दिल में ख़िजां के ज़ख़्मों को हमारे फूल से चेहरे पे ग़ौर मत करना हरेक सिम्त ही रुसवाइयों के चर्चे हैं यूँ अपना ज़िक्र मेरे साथ और मत…