संभालते क्यों हो | Ghazal Sambhalte Kyon Ho
संभालते क्यों हो ( Sambhalte Kyon Ho ) हजारों ऐब वो मुझ में निकालते क्यों हैं मैं गिर रहा हूँ तो मुझको संभालते क्यों हैं दिखा है जब भी अंधेरा उन्हें मेरे घर में चिराग़ आके हमेशा वो बालते क्यों हैं किसी की बात चले या किसी से हो शिकवा हरेक तंज़ वो मुझ पर…