Sone si Muskaan

सोने सी मुस्कान | Sone si Muskaan

सोने सी मुस्कान ( Sone si muskaan )    सूरज सबको बाँट रहा है सोने सी मुस्कान कौन है जिसने बंद किये हैं सारे रोशनदान हमने गीत सदा गाये हैं सत्य अहिंसा प्यार के देख के हमको हो जाता है दुश्मन भी हैरान ख़ुद्दारी भी टूट गई मजबूरी के हाथो से दो रोटी की खातिर…

ख्वाब की ताबीर हो तुम | इक नज़्म

ख्वाब की ताबीर हो तुम | इक नज़्म

ख्वाब की ताबीर हो तुम ( Khwab ki tabeer ho tum )    खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो या किसी भूले ख्वाब की ताबीर हो तुम तस्सव्वुर में आये किसी ख्याल की तदबीर हो या तकाज़ा मेरी तकदीर का हो तुम मेरी किसी तमन्ना की जैसे तासीर तुम हो या दिल में बसी…

ग़ज़ल खंडहर | Khandhar

ग़ज़ल खंडहर | Khandhar

खंडहर (Khandhar )    वक्त के साथ मशीनों के पुर्जे घिस जाते है जाने कितने एहसासों में इंसान पिस जाते है। ज़िन्दगी का शिकार कुछ होते है इस कदर उबर कर भी कितने मिट्टी में मिल जाते है। शामोसहर बेफिक्री नहीं सबके नसीब में जीने का सामान जुटाने में ही मिट जाते है। ताकीद करता…

चांद से भी मुकाबला होगा | Chand se Bhi Muqabla Hoga

चांद से भी मुकाबला होगा | Chand se Bhi Muqabla Hoga

चांद से भी मुकाबला होगा ( Chand se bhi muqabla hoga )    तज़किरा उनका जब चला होगा चांद से भी मुकाबला होगा। ज़िक़्र छिड़ने पे उस सितमगर के जाने कितनों का दिल जला होगा। कौन वो खुशनसीब है ऐसा जिसको उसने नहीं छला होगा। अब भरोसा नहीं रहा ख़ुद पर और नुकसान क्या भला…

गमज़दा दिल | Ghamzada Shayari

गमज़दा दिल | Ghamzada Shayari

गमज़दा दिल ( Ghamzada dil )    फूल शबनम छोड़ कर कुछ और ही मौज़ू रहे अब सुखन में भी ज़रा मिट्टी की कुछ खुशबू रहे। हो चुकी बातें बहुत महबूब की बाबत यहां ज़िक़्र उनका भी करें जो मुल्क़ का बाज़ू रहे। गमज़दा दिल कर सकूं आज़ाद ग़म की क़ैद से काश मेरे पास…

कालिख़ मल जाएँगे | Kalikh mal Jayenge

कालिख़ मल जाएँगे | Kalikh mal Jayenge

कालिख़ मल जाएँगे ( Kalikh mal jayenge )    ये बेहूदे लफ्ज़ अग़र जो खल जाएँगे लोग मुँह पे आकर कालिख़ मल जाएँगे देख ख़िज़ाँ की ज़ानिब मत नाउम्मीदी से रफ़्ता-रफ़्ता गुजर सभी ये पल जाएँगे मत आया कर छत पर यूँ तू रोज़ टहलने चाँद सितारे शम्स नहीं तो जल जाएँगे छोड़ो अब ये…

दर्द ए जुदाई  | Dard – E – Judai

दर्द ए जुदाई | Dard – E – Judai

दर्द ए जुदाई ( Dard – E – Judai )    दर्द ए जुदाई सहता बहुत हूँ मैं कुछ दिनों से तन्हा बहुत हूँ दुश्मन मेरा क्यों बनता है वो ही मैं प्यार जिससे करता बहुत हूँ उल्फ़त से मुझसे तुम पेश आना मैं नफ़रतों से डरता बहुत हूँ मिलती नहीं है खुशियाँ कहीं भी…

ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi

ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi

ले गया सकूँ ( Le gaya sukoon )    न रही उसको अब उल्फ़त है ? ले गया सकूँ सब राहत है चोट लगी ऐसी दग़ा की कल अब उल्फ़त दिल से रुख़सत है गुल न लिया चाहत का उसने टूटी दिल की ही हसरत है उल्फ़त में ऐसा टूटा दिल न यहाँ दिल को…

एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali

एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali

एक ही थाली में मस्त हैं ( Ek hi thaali mein mast hai )    करते जो शहर भर में दूनाली से गश्त हैं। हम हैं कि उनकी आम ख्याली से पस्त हैं।। मवाली इन्हें समझे उन्हें समझे थे मसीहा, सच में कि दोनों एक ही थाली में मस्त हैं। आका हमारे जाम तोड़ते हैं…

मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh

मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh

मुहब्बत तू निभाए रख ( Muhabbat tu nibhaye rakh )    गुलों से घर सजाए रख ? वफ़ा अपनी बनाए रख अंधेरों से लगे है डर चिरागो को जलाए रख ज़रा दीदार करने दे नहीं चेहरे छुपाए रख उदासी छोड़ दिल से तू लबों को तू हंसाए रख बढ़ेगा प्यार दिल में और नज़र मुझसे…