कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल | Ghazal daga dil
कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल ( Kar gaya hai mera hi daga aaj dil ) कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल ये किसी पे फ़िदा हो गया आज दिल आज तो याद आयी किसी की इतनी इस कदर ये आहें भर रहा आज दिल चाह तक़दीर…
कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल ( Kar gaya hai mera hi daga aaj dil ) कर गया है मेरा ही दग़ा आज दिल ये किसी पे फ़िदा हो गया आज दिल आज तो याद आयी किसी की इतनी इस कदर ये आहें भर रहा आज दिल चाह तक़दीर…
अपनों की याद में ! ( Aap ki yaad mein ) बह रहे आंसू अपनों की याद में! घर जब से परदेश आया छोड़कर व़क्त कटता शहर में तन्हा न था गांव लौटा हूं यारों की याद में कर रहूं अफ़सोस दिल में रात दिन उसके झूठे हर वादों की याद…
मोड़कर मुंह यूं चलना नहीं मोड़कर मुंह यूं चलना नहीं रूठना तेरा अच्छा नहीं शहर से उसके आया जब से दिल कहीं और लगता नहीं देखता हूं जिसके प्यार का वो ही करता इशारा नहीं छेड़ देता उसका जिक्र जो जख़्म दिल का भरता नहीं खो गया जो…
मांगने जाओ तो क्या क्या नहीं मांगा जाता ( Mangne jao to kya kya nahi manga jata ) मांगने जाओ तो क्या क्या नहीं मांगा जाता पर कभी तेरे अलावा नहीं मांगा जाता आसमाने किसी तारीफ की मुहताज नहीं आसमानों से हवाला नहीं मांगा जाता मांगने के भी कुछ आदाब हुआ…
टूटे दिल को ख़ुदा अब मेरे करार आये ! ( Toote dil ko khuda ab mere karar aaye ) टूटे दिल को ख़ुदा अब मेरे करार आये! अब जीस्त में ख़ुशी की ऐसी बहार आये हट जाये अब गमों के ही अब्र ए ख़ुदा ये बरसात फूलों की मुझपे ही बेशुमार आये…
ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता ( Gam se kabhi main yun hi, pareshan nahi hota ) दिल जो कि ख़ुशी से मेरा, वीरान नहीं होता, ग़म से कभी मैं यूं ही, परेशान नहीं होता इबादत अगर जो करते, तुम सब ही ए लोगों, नाराज़ फिर सभी से वो,…
आफत पे आफत ( Aafat pe aafat ) जो आन ही पड़ा था सो खामोसी से आ गया होता जाने वालो को किसका इन्तिज़ार, जा लिया होता हम पर तो आफत पे आफत है, और सब क़ुबूल है क्या होता अगर सजदा को सर ही ना दिया होता बात कभी किसी…
इतना बड़ा पत्थर दिल नहीं है ! ( Itna bada patthar dil nahin hai ) इतना बड़ा पत्थर दिल नहीं है! आज़म वफ़ा का क़ातिल नहीं है जिसनें क़सम खायी साथ दूंगा वो आज दुख में शामिल नहीं है समझें नहीं जो मेरे वफ़ा को वो प्यार के ही क़ाबिल नहीं…
बेवफ़ा का ग़म नहीं करना कभी ( Bewafa ka gham nahi karna kabhi ) ग़म का तू आलम नहीं करना कभी! प्यार दिल से कम नहीं करना कभी भूल जाना तू उसे दिल से सदा बेवफ़ा का ग़म नहीं करना कभी दोस्त सच्चा जो हुआ तेरा नहीं तू उसका मातम नहीं…
सब चलो मस्जिद ! ( Sab chalo masjid ) ये यारों आओ सब चलो मस्जिद ! सब नमाजें पढ़ लो मिलो मस्जिद रोज पढ़कर नमाज ए लोगों दीन से हर रोशन करो मस्जिद बैठकर सुन लो दीन की बातें ए यारों खाली मत रखो मस्जिद माफ़ वो रब गुनाह कर देगा रोज़…