मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो

मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो | Ghazal tum ek haqeeqat ho

मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो ( Mere zindagi ka tum ek haqeeqat ho )     मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो उम्र भर की मेरी, तुम तमाम दौलत हो   यह सिलसिला यहीं ख़त्म होने वाला है तुम मेरी पेहली और आंखरी मुहब्बत हो   तुझे चाहा है मैंने हर दम…

यूँ मजबूर ना कर

यूँ मजबूर ना कर | Yoon majboor na kar | Ghazal

मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर ( Mere hath ko yoon majboor na kar )   मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर कोई तस्बीर बनाने के लिए ता-उम्र साथ निभाने की वादा ना कर अभी छोड़ जाने के लिए   मेरे कमरों में तुम्हारी तस्बीर और धुवां ही धुवां है कुछ तो दिल…

मुहब्बत है यह

आदत नहीं है मेरे दोस्तों | Ghazal aadat nahi hai

आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह (  Aadat nahi hai mere dosto muhabbat hai yah )   एक अनोखा रिश्ता शब् से बदलती कहाँ है पत्थर है तो दरिया में से उभरती कहाँ है   आदत नहीं है मेरे दोस्तों, मुहब्बत है यह मेरे चाहने भर से  यह छूटती कहाँ है   जान…

उसने किया होगा 'गजल'

उसने किया होगा ‘गजल’

उसने किया होगा ‘गजल’   होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा जहर जुदाई का उसने खातिर मेरे खाया होगा   कांटो को चुनकर उसने मेरे राहों से  उसने जीवन में मेरे फूल गाया होगा    याद सताया जब पाया हरेक चेहरों में मुझे मेरे तस्वीर को चुपके सीने से हटाया होगा   मेला की धूम…

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था   उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था बाकी सब तो फ़क़त इसीका बहाना था   मुहब्बत यूँ भी तो बड़ा अजब है यारा के खुद से रूठकर दुसरो को मनाना था   हम पर फ़ज़ा-ए-उल्फत की नज़र ऐसी है जान के लिए बाज़ी जान का…

किस्सा-दर-किस्सा

किस्सा-दर-किस्सा | Kissa-dar-kissa | Ghazal

किस्सा-दर-किस्सा ( Kissa-dar-kissa )     किस्सा-दर-किस्सा का मुझे साफ़ बयानी चाहिए कुछ किताबें, कुछ रंजिशें और कुछ गुमानी चाहिए   ये भी बहोत खूब है, तुम्हे कुछ भी तो नहीं चाहिए और एक में हूँ जिसको सफर भी सुहानी चाहिए   ज़िन्दगी गुजर सकती है बस एक भरम के साथ मुहब्बत की राह में…

उसके आँखों में सुहाल होगा

उसके आँखों में सुहाल होगा | Ghazal uske aankhon mein

उसके आँखों में सुहाल होगा ( Uske aankhon mein suhal hoga )   उसके आँखों में सुहाल होगा और कहाँ इस जहाँ में येसे मिराल होगा   हुस्न-ए-अंदाज़ से टुटा था जो दील अब जुड़ने में मुहाल होगा   हालत-ए-हाल जो हमारी है ये उसी का कमाल होगा   इसी आरज़ू के साथ अर्सो से…

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई | Ghazal meer na huee

वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई ( Vah chhupe patthar ke tootne par meer na huee )   वह छुपे पत्थर के टूटने पर मीर ही ना हुई खामोशी से क़ुबूल हुआ, तफ़्सीर ही ना हुई   बिछड़ कर भी वह सुलह करना चाहती है जुर्म नहीं किया उसने कोई तो…

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का | Ghazal tark-e-aam

तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का ( Tark-e-aam na kar mujhse muhabbat ka )   सच का खिदमत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह कभी खैरियत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह   तर्क-ए-आम ना कर मुझसे मुहब्बत का अब इबादत भी हो तो कुछ इश्क़ की तरह   बे-बसर ज़िन्दगी का बसर…

चौखट में कोई आए तो

चौखट में कोई आए तो | Chaukhat mein koi aaye to | Ghazal

चौखट में कोई आए तो ( Chaukhat mein koi aaye to )     चौखट में कोई आए तो लगता है की तुम हो धीमे से गले कोई लगाए तो लगता है की तुम हो   मेरी सांसें भी अब तो कुछ कुछ खफा है मुझसे जब भी यह मुझे मनाए तो लगता है की…