Roshani

रौशनी | Roshani

रौशनी ( Roshani )   आप आए अंजुमन में साथ आई रौशनी देखिए कितने रुखों पे मुस्कराई रौशनी। बज़्म में तक़रीर बस थी झूठ पर ही चल रही एक सच मैने कहा तो खिलखिलाई रौशनी। बाद मुद्दत देखके सरकार हमको हंस दिये यूं लगा हरसू फ़िज़ा में आज छाई रौशनी। देख कर इंसाफ़ मिलते आज…

Vishwas Hota hai

विश्वास होता है | Vishwas Hota hai

विश्वास होता है ( Vishwas hota hai )    छिपाता दर्द दिल का वो बहुत हस्सास होता है मुहब्बत से भरा दिल इस जहां में ख़ास होता है। मुहब्बत के अलावा और भी ग़म हैं सुना हमने मगर ग़म जो मिला है इश्क में अल्मास होता है। लिखी कितनी ग़ज़ल कितनी फ़साने और नज़्में भी…

Arth ka Bhi

अर्थ का भी | Arth ka Bhi

अर्थ का भी ( Arth ka Bhi )    अर्थ को भी शब्द से कुछ अलग हटना चाहिये । मंजिलों से भी कभी थोड़ा भटकना चाहिये ।। अर्थ का दिल में ठिकाना शब्द यायावर हुये। अर्थ का भी घर अलग शब्दों से बनना चाहिये।। साथ रहते है कभी, तो वे कभी लड़ने लगें । शब्द…

Achi Surat Wale

अच्छी सूरत वाले | Achi Surat Wale

अच्छी सूरत वाले ( Achi surat wale )   तोड़ा करते दिल सबका ये अच्छी सूरत वाले काम नहीं करते अच्छा ये अच्छी सूरत वाले। हर इक दिल पर चलती है बस एक हुकूमत इनकी सबको करते दीवाना ये अच्छी सूरत वाले। जाने किसकी आह लगी किसने इनको कोसा है प्यार नहीं पाते सच्चा ये…

Uff

उफ़ | Uff

उफ़! ( Uff )    किसी पुराने टूटे ख्वाब की कोई किरचन उफ़! कितनी कभी चुभती है रड़कती है चैन से आँख बंद कर सोने भी नहीं देती . . . न अश्क बन बहती है   लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें :- कोहरा | Hindi Poem kohara

Mohabbat ki Ghazal

मोहब्बत की ग़जल | Mohabbat ki Ghazal

मोहब्बत की ग़जल ( Mohabbat ki ghazal )   मोहब्बत की ग़जल तुमको, सुनानी थी, सुना दूं क्या। कहानी दिल की अपने भी, बतानी थी बता दूं क्या।।   चलो तुम भी कदम कुछ तो, चलूंगा मैं कदम सारे ये अपने बीच की दूरी, मिटानी थी, मिटा दूं क्या   कवि : भोले प्रसाद नेमा “चंचल” हर्रई, …

Sawan Shayari

आज सावन में | Sawan Shayari

आज सावन में ( Aaj sawan mein )    परिंदों की बड़ी हलचल मची है आज आंगन में। सुना है घोंसला बिखरा किसी का आज सावन में।। बनाकर कश्तियां काग़ज कि ख़ुश होता है बारिश में ये मन होता बडा़ नादान सा सबका लड़कपन में। कभी रिश्ता बड़ा गहरा हुआ करता था अपना भी। भुला…

बिछड़ा नहीं रहता | Shayari on Bichadna

बिछड़ा नहीं रहता | Shayari on Bichadna

बिछड़ा नहीं रहता ( Bichadna nahi rahta  )    अगर हम रोक लेते हमसे वो बिछड़ा नहीं रहता उसी मंजर पे ये दिल अब तलक ठहरा नहीं रहता। कहा था लौटना है एक दिन मुझ तक उसे वापस मगर जो लौटना होता तो यूं बदला नहीं रहता । वही रुख़ फेर लेना दफ अतन वो…

Poem Main bhi Chaahunga

मैं भी चाहूंगा | Poem Main bhi Chaahunga

मैं भी चाहूंगा ( Main bhi chaahunga )   कि इन सब बातों की नहीं है उम्र अब मेरी, मुझे कुछ लोग कहते हैं, मगर हसीं चेहरों पे मिटने को तैयार होना, मैं भी चाहूंगा… लानत है किसी दौलतमंद, रसूखदार का दरबान होने पेे, किसी मज़लूम, किसी बेबस का पहरेदार होना, मैं भी चाहूंगा.. कभी…

Pani ki dastaan

पानी से पानी की दास्तां | Pani ki dastaan

पानी से पानी की दास्तां ( Pani se pani ki dastaan )    यह कहानी अजब है वो खता पूछिए। बहते पानी से पानी की दास्तां पूछिए। हमने मोती लुटाए फूलों सद्भावों के। उजड़ा उपवन क्यों महकता पूछिए। गीत लिखे थे हमने मोहब्बत है क्या। टूटे अरमां दिल के अब पता पूछिए। सुलझा लेते मसले…