ख़फ़ा सी नज़र | Khafa si Nazar
ख़फ़ा सी नज़र ( Khafa si nazar ) ख़फ़ा ख़फा सी नज़र सनम की बिला वज़ह के अड़ी हुई है टिकी रहे हर घड़ी हमीं पर नजर नहीं हथकड़ी हुई है। नहीं लिखा वो लक़ीर में जब भला मुकद्दर बने कहां से मगर वही दिल कि चाह है बस निगाह उस पर गड़ी हुई…