Shayari on aankhen

आन बान है आँखें | Shayari on aankhen

आन बान है आँखें ( Aan baan hai aankhen )     देखती  आन बान है आँखें इश्क़  की वो ज़ुबान है आँखें !   किस तरह से उसे दिखा दूँ घर वो बड़ी बदगुमान है आँखें   दुश्मन कश्मीर ले नहीं सकता सरहद की निगेहबान है आँखें   आरजू है यही हंसी देखूँ जो…

Nikaah shayari

हाँ साथ में मेरे होता जो निकाह तेरा | Nikaah shayari

हाँ साथ में मेरे होता जो निकाह तेरा ( Haan saath mein mere hota jo nikaah tera )     हाँ साथ में मेरे  होता जो निकाह  तेरा मैं तो हर हाल में कर लेता निबाह तेरा   के धूप फ़िर लगेगी मुझको न तन्हाई की जो ज़ुल्फ़ का अगर मिल जाये पनाह तेरा  …

Ghazal bhool ja sitam uske pyar ke

भूल जा सितम उसके प्यार के | Ghazal bhool ja sitam uske pyar ke

भूल जा सितम उसके प्यार के ( Bhool ja sitam uske pyar ke )     हाँ मगर अदू  पर अपनी निगाह रखना तू दिल में ही ज़रा बदला बेपनाह रखना तू   सोचना नहीं तू दिल में ही दुश्मनी अपने दोस्ती की  दिल में अपने ही चाह रखना तू   हर तरफ़  से बरसेगी…

Ghazal tu chhed mat

तू छेड़ मत | Ghazal tu chhed mat

तू छेड़ मत ( Tu chhed mat )     तू छेड़ मत नहीं है अच्छा मिज़ाज मेरा करता नहीं है कोई ग़म का इलाज मेरा   आटा पिसेगा कैसे अब भूख ये मिटेगी के भीग सब गया है देखो अनाज मेरा   वो तल्ख़ लहज़े में मुझसे कर गया बातें है उसने करा  नहीं…

Nikah shayari

आज उसका निकाह है आज़म | Nikah shayari

आज उसका निकाह है आज़म ( Aaj usaka nikah hai Aazam )     आज उसका  निकाह है आज़म यूं नम  आँखें  निग़ाह है आज़म   लोग  डूबे गरुर में अपने कब ग़ज़ल पर ही वाह है आज़म   हाल उसनें पूछा नहीं आकर ठहरा उसके नवाह है आज़म   जां बचे उस गरीब की…

Ghazal Ishq - e - Junoon

इश्क़ ए जुनूँ. | Ghazal Ishq – e – Junoon

इश्क़ ए जुनूँ. ( Ishq – e – Junoon )   दिले कैफियत में तुम्हारी खैरियत मिलाए बैठे हैं अपने अर्श में तुम्हारा अक्स मिलाए बैठे हैं क्या हुआ जो आसमाँ का चाँद हो तुम साहब फिर भी शिद्दत से तुम्ही पर नज़रें गड़ाए बैठे है।   इश्क़ जुनून बना है जाने क्या असर ये…

Ghazal tere aansu

तेरे आंसू | Ghazal tere aansu

तेरे आंसू ( Tere Aansu )   दिलो दिमाग में दिन रात रहा करते है। तेरे आंसू मेरी ऑंखों से बहा करते हैं।। टूटने का सबब पत्ते से पूछना न कभी, हिज़्र के दर्द से मकां भी ढहा करते हैं।। बमुश्किल मिलता है पल भर का सुकूं, उम्र भर गम इसी के लिए सहा करते…

Zakhm shayari

अपनों ने ज़ख्मों को रोज कुरेदे है | Zakhm shayari

अपनों ने ज़ख्मों को रोज कुरेदे है ( Apno ne zakhmon ko roj kurede hai )     किसने दामन के  ग़म दर्द समेटे है ! अपनों ने ज़ख्मों को रोज कुरेदे है   कैसे ख़ुशबू फैले फ़िर ये उल्फ़त की रूठे फूलों से क्यों  यार  बगीचे है   सबने  ज़ख्मों पर रगड़ा रोज नमक…

Kar muhabbat ka yahan chaya khuda

कर मुहब्बत का यहाँ छाया ख़ुदा | Kar muhabbat ka yahan chaya khuda

कर मुहब्बत का यहाँ छाया ख़ुदा ( Kar muhabbat ka yahan chaya khuda )     मैं पढ़ूं कलमा करुं सज़दा ख़ुदा! जीस्त  भर  हो ऐसा लम्हा ख़ुदा   नफ़रतों की धूप ढ़ल जाये यहाँ कर मुहब्बत का यहाँ छाया ख़ुदा   जिंदगी में दोस्त कोई भेज दें हूँ बड़ा ही जीस्त में तन्हा ख़ुदा…

Ghazal dosti mein bewafa hai

दोस्ती में बेवफ़ा है | Ghazal dosti mein bewafa hai

दोस्ती में बेवफ़ा है ( Dosti mein bewafa hai )   कब वफ़ा करता दग़ा है ? दोस्ती में बेवफ़ा है   भूलनी है याद तेरी टूटे दिल की अब सदा है   बात की है प्यार से कब रोज रक्खा बस गिला है   प्यार के टूटे भरम  सब ज़ख्म बस गहरा मिला है…