
आज उसका निकाह है आज़म
( Aaj usaka nikah hai Aazam )
आज उसका निकाह है आज़म
यूं नम आँखें निग़ाह है आज़म
लोग डूबे गरुर में अपने
कब ग़ज़ल पर ही वाह है आज़म
हाल उसनें पूछा नहीं आकर
ठहरा उसके नवाह है आज़म
जां बचे उस गरीब की कैसे
के न कोई गवाह है आज़म
प्यार को प्यार से निभा दिल से
तोड़ना दिल गुनाह है आज़म
हाल मत पूछ तू नहीं मेरा
के भरी दिल में आह है आज़म
नफरतें झेल ली बहुत अब तो
प्यार की अब तो चाह है आज़म
वादा करके भी वो नहीं आया
खूब देखी कल राह है आज़म
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें :-