भूल से याद भी नहीं आता | Yaad ghazal
भूल से याद भी नहीं आता ( Bhool se yaad bhi nahi aata ) अब मेरे दिल को तू नहीं भाता भूल से याद भी नहीं आता तू मुझे अब भी प्यार करता है ये भरम दिल से क्यों नही जाता दूर को दूर से मुहब्बत है पास का पास से नहीं…
भूल से याद भी नहीं आता ( Bhool se yaad bhi nahi aata ) अब मेरे दिल को तू नहीं भाता भूल से याद भी नहीं आता तू मुझे अब भी प्यार करता है ये भरम दिल से क्यों नही जाता दूर को दूर से मुहब्बत है पास का पास से नहीं…
आजकल सुनते यूं नग़में खूब है (Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai ) आजकल सुनते यूं नग़में ख़ूब है! याद में उसकी हम रोते ख़ूब है फ़ोन भी मेरा उठाता वो नहीं फ़ोन भी ऐ यार करते ख़ूब है तल्ख़ बातें कर गया वो आज भी प्यार से ही जिससे बोले…
ख़ुशी से आज़म बदनसीब है ( Khushi se azam badnaseeb hai ) ख़ुशी से आज़म बदनसीब है बड़ा जिंदगी में ग़रीब है वफ़ा में दग़ाबाज सब मिले नहीं कोई सच्चा हबीब है चला दूर मैं इसलिए आया यहाँ कौन मेरा रकीब है वही दिल दुखा अब रहा मेरा रहा जिसके हर…
वफ़ा करके ( Wafa karke ) वफ़ा करके भी कुछ भी तो नहीं मुझको हुआ हासिल हुई है बस मुझे हर पल यहाँ तो हर जफ़ा हासिल रहा हूँ ढूंढ़ता मैं तो हर किसी में ही वफ़ा मैं तो वफ़ाए भी हुई मुझको मगर यारों कहा हासिल यहाँ तो जख़्म मिलते है…
प्यार के रोज मगर यूं ही असर होने तक ( Pyar ke roj magar yoon hi asar hone tak ) प्यार के रोज मगर यूं ही असर होने तक याद करता रहूंगा जीवन बशर होने तक मैं नहीं और सहूँगा कि सितम तेरे ही छोड़ जाऊंगा नगर तुमको ख़बर होने तक …
सुना है ( Suna hai ) कभी कभी खंडहर भी बोल उठते हैं वीराने भी खुद ब खुद सज जाते हैं झींगुरों की ताल पर बेताल भी नाच उठतें हैं सहरा में भी आब’शार मिल जाते हैं कभी तो मुर्दा जिस्मों में बसती रूह भी कराह उठेगी सोई ज़मीर…
सहरा को गुलशनों का सिलसिला बना दिया ( Sehra ko gulshano ka silsila bana diya ) सहरा को गुलशनों का सिलसिला बना दिया ! कमजोरियों को उसने हौसला बना दिया !! हर दिल में तरसती जमीं की प्यास बुझाने चाहत का और सुकून का दरिया बना दिया !! कुछ ऐसा हर…
न दिल के छेड़ तू ( Na dil ke chhed tu ) न दिल के छेड़ तू नग्मात प्यारे ! समझ दिल के मगर ज़ज्बात प्यारे यहाँ तो बारिशें बरसी नफ़रत की हुई कब प्यार की बरसात प्यारे नहीं आना यहाँ तू गांव में ही नहीं अच्छे यहाँ हालात प्यारे …
किसी से यहाँ हम वफ़ा कर चले ( Kisi se yahan hum wafa kar chale ) किसी से यहाँ हम वफ़ा कर चले वफ़ा प्यार की हम सदा कर चले चले फ़ासिली फेरकर रोज़ मुंह वही कल निगाहें मिला कर चले छुड़ाकर मगर हाथ मुझसे वही मुझे आज वो ही रुला…
होली ( Holi ) रंगों से फिर भीगी होली उल्फ़त लेकर आयी होली सब मिल जुलकर जिसको खेलें वो ही यारो प्यारी होली झूम उठे हैं दिल खुशियों से जब भी देखो आती होली आओ मिल ले इस होली में किसने देखी अगली होली हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई है लोगों…