Ghazal chehare ke peechhe chehara hai

चेहरे के पीछे चेहरा है | Ghazal chehare ke peechhe chehara hai

चेहरे के पीछे चेहरा है ( Chehare ke peechhe chehara hai )   वो राज़ बहुत ही गहरा है चेहरे  के  पीछे चेहरा है।   आंखें उसकी काली काली बालों का रंग सुनहरा है।   हुस्न कयामत है उसका जो देखे वो ही ठहरा है।   दीदार की दी है छूट मुझे मिलने पे लगाया…

Ghazal Dil kisi ki

दिल किसी की | Ghazal Dil Kisi Ki

दिल किसी की  ( Dil kisi ki  )     दिल किसी की बहुत आरजू कर रहा रात दिन दिल यही गुफ़्तगू कर रहा   वो नजर आता मुझको नहीं है मगर हर गली में उसे जुस्तजू कर रहा   फूल जिसको दिया प्यार का रोज़ है और दिल रोज़ अपना अदू कर रहा  …

Yaad ghazal

भूल से याद भी नहीं आता | Yaad ghazal

भूल से याद भी नहीं आता ( Bhool se yaad bhi nahi aata )   अब मेरे दिल को तू नहीं भाता भूल  से  याद  भी नहीं आता   तू मुझे अब भी प्यार करता है ये भरम दिल से क्यों नही जाता   दूर को दूर से मुहब्बत है पास का पास से नहीं…

Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai

आजकल सुनते यूं नग़में खूब है | Ghazal aajkal sunte yoon nagamen khoob hai

आजकल सुनते यूं नग़में खूब है (Aajkal sunte yoon nagamen khoob hai )     आजकल सुनते यूं नग़में ख़ूब है! याद में उसकी हम रोते  ख़ूब है   फ़ोन भी मेरा उठाता वो नहीं फ़ोन भी ऐ यार करते ख़ूब है   तल्ख़ बातें कर गया वो आज भी प्यार से ही जिससे बोले…

Badnaseeb shayari

ख़ुशी से आज़म बदनसीब है | Badnaseeb shayari

ख़ुशी से आज़म बदनसीब है ( Khushi se azam badnaseeb hai )   ख़ुशी से आज़म बदनसीब है बड़ा  जिंदगी  में  ग़रीब  है   वफ़ा में दग़ाबाज सब मिले नहीं कोई सच्चा  हबीब  है   चला  दूर मैं इसलिए आया यहाँ कौन  मेरा  रकीब  है   वही  दिल दुखा अब रहा मेरा रहा  जिसके हर…

Ghazal wafa karke

वफ़ा करके | Ghazal wafa karke

वफ़ा करके ( Wafa karke )   वफ़ा करके भी कुछ भी तो नहीं मुझको हुआ हासिल हुई  है बस  मुझे  हर  पल यहाँ तो हर जफ़ा हासिल   रहा हूँ ढूंढ़ता मैं तो हर किसी में ही वफ़ा मैं तो वफ़ाए भी हुई मुझको मगर यारों कहा हासिल   यहाँ तो जख़्म मिलते है…

Urdu ghazal in Hindi

प्यार के रोज मगर यूं ही असर होने तक | Urdu Ghazal in Hindi

प्यार के रोज मगर यूं ही असर होने तक ( Pyar ke roj magar yoon hi asar hone tak )     प्यार के रोज मगर यूं ही असर होने तक याद करता रहूंगा जीवन बशर होने तक   मैं  नहीं  और  सहूँगा  कि सितम तेरे ही छोड़ जाऊंगा नगर तुमको ख़बर होने तक  …

Suneet Sood Grover Poetry

सुना है | Suneet Sood Grover Poetry

सुना है ( Suna hai )   कभी कभी खंडहर भी बोल उठते हैं   वीराने भी खुद ब खुद सज जाते हैं   झींगुरों की ताल पर बेताल भी नाच उठतें हैं   सहरा में भी आब’शार मिल जाते हैं   कभी तो मुर्दा जिस्मों में बसती रूह भी कराह उठेगी   सोई ज़मीर…

Ghazal Sehra ko

सहरा को गुलशनों का सिलसिला बना दिया | Ghazal

सहरा को गुलशनों का सिलसिला बना दिया ( Sehra ko gulshano ka silsila bana diya )     सहरा को गुलशनों का सिलसिला बना दिया ! कमजोरियों को उसने हौसला बना दिया !!   हर  दिल  में तरसती जमीं की प्यास बुझाने चाहत का और सुकून का दरिया बना दिया !!   कुछ ऐसा हर‌…

न दिल के छेड़ तू | Romantic love ghazal

न दिल के छेड़ तू | Romantic love ghazal

न दिल के छेड़ तू ( Na dil ke chhed tu )     न दिल के छेड़ तू नग्मात प्यारे ! समझ दिल के मगर ज़ज्बात प्यारे   यहाँ तो बारिशें बरसी नफ़रत की हुई कब प्यार की बरसात प्यारे   नहीं आना यहाँ तू गांव में ही नहीं अच्छे यहाँ हालात प्यारे  …