लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ | Ghazal nafrat
लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ ( Logon mein hi khoob nafrat hai yahan ) लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ कब दिलों में दोस्त उल्फ़त है यहाँ दर्द ग़म ने रोज़ घेरा ख़ूब है एक पल भी तो न राहत है यहाँ हर घड़ी दिल में वफ़ा मेरे…