दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो

दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो | Ghazal

दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो ( Dil mein mere basi aarzoo banke wo )     दिल में मेरे बसी आरजू बनके वो आती होठों पे ही गुफ़्तगू बनके वो   सांसें महकी मुहब्बत से उसकी मेरे चाँद सी आये जब हू ब हू बनके वो   ढूँढ़ता  हूँ  उसे  मैं  गली  हर …

Jazbaat shayari

जज़्बात | Jazbaat shayari

जज़्बात ( Jazbaat )   राख हुये एहसासों को हवा न दो कहीं भड़क न जाये सुलगता शरारा कोई   दफन हो चाहे जिस्म कब्र में मगर सुना है भटकती रूहें कुछ ज्यादा जज्बाती हो जातीं हैं.. लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें :- सोच चुप है | Soch shayari

Udas zindagi shayari

उदासी से भरी है जिंदगी | Udas zindagi shayari

उदासी से भरी है जिंदगी ( Udas se bhari hai zindagi )     मिली मुझको नहीं है जिंदगी में ही ख़ुशी आज़म उदासी से भरी है जिंदगी मेरी बड़ी आज़म   नहीं कोई यहां तो दोस्त है इस गांव में   अपना अकेले ही यहां तो जिंदगी बस कट रही आज़म   निभाया साथ मेरा…

Gham shayari

वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया | Gham shayari

वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया! ( Wo gamon ki zindagi ko hi kahani de gaya )     वो ग़मो की जिंदगी को ही कहानी दें गया! तोड़ कर दिल वो दग़ा की ही निशानी दें देगा   फ़ूल तो देकर मुहब्बत का गया मुझको नहीं तल्ख़ लहजे की मुझे वो…

Kareeb se ghazal

क़रीब से ऐसे मेरे निकल रहा है वो | Ghazal

क़रीब से ऐसे मेरे निकल रहा है वो ( Kareeb se aise mere nikal raha hai wo )     क़रीब  से ऐसे मेरे निकल रहा है वो हूँ गैर जैसे आँखों को बदल रहा है वो   उसे भेजा था मुहब्बत वफ़ा भरा कल गुल उल्फ़त का पैरो लते गुल मसल रहा है वो…

Romantic Poetry in Hindi

ये दिल कहीं लगता नहीं बिन आपके | Romantic Poetry in Hindi

ये दिल कहीं लगता नहीं बिन आपके ( Ye dil kahin lagta nahin bin aapke )     सोनू! तन्हाई में ये दिल अक्सर बातें करता है तेरी अपनी बातों ही बातों में उलझा करता है   ये पागल हो गया है ये दिल दीवाना एक ना सुने दुनिया के रिवाज माने ना जिद करे…

Aankhon ka paimana

आँखों का पैमाना | Ghazal

आँखों का पैमाना ( Aankhon ka paimana )   है  उसकी  नजर  मीठा जहर तो है दवा मैखाना । नजर से होश खो जाये, तो वापिस जाम से आना ।।   हुआ बीमार जब मैकश,जुड़ गये झूमकर मैकश । हुआ बीमार जब बाइज, हुआ घर उससे बेगाना ।।   हमारे  इश्क  के  सौदे  में, तुम…

Muhabbat shayari

मुहब्बत के जब से ही वो गुलाब टूटे है | Muhabbat shayari

मुहब्बत के जब से ही वो गुलाब टूटे है ( Muhabbat ke jab se hi wo gulab tute hai )     मुहब्बत के जब से ही वो गुलाब टूटे है अंदर  से  ही खूब हम भी ज़नाब टूटे है   ज़वाब देता नहीं था मुहब्बत का मेरी लबों  पे  ही आज उसके ज़वाब टूटे…

Dr. K. K. Srivastava poetry

मकानों में रख लिया | Dr. Kaushal Kishore Srivastava poetry

मकानों में रख लिया ( Makano me rakh liya )     था जिन दियो में तेल मकानों में रख लिया । खाली दियो को तुमने मचानों में रख दिया ।।     उत्तर  थे  मेरे पास तुमने छीन सब लिया । फिर मुझको सवालो के निशानों पे रख दिया ।।     छीनी किसानों…

Soch shayari

सोच चुप है | Soch shayari

सोच चुप है ( Soch chup hai )     सोच चुप है , मौन है क्यों ख़ामोश है   सोच पर लगान नहीं, कोई लगाम नहीं, तो   सोच को ज़बान दो कुछ अल्फ़ाज़ दो   सोच की परवाज़ को इक नया मुकाम दो   सोच है सोचेगी खुद में उलझेगी तुझको उलझायेगी  …