साथ तेरा अग़र मिला होता

Romantic Ghazal | साथ तेरा अग़र मिला होता

साथ तेरा अग़र मिला होता ( Sath Tera Agar Mila Hota )   साथ  तेरा  अग़र  मिला  होता। अपना जीवन भी ये ज़ुदा होता।।   झेल पाते खुशी से हर इक ग़म। ज़ख्म दिल का नहीं हरा होता।।   कोई  मुश्किल ठहर नहीं पाती। फिर न तक़दीर से गिला होता।।   जिंदगानी हंसी- खुशी कटती।…

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

Sad Ghazal | दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही ( Dil se hi roz aah nikalti rahi )   दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही! जीस्त यादों में उसकी गुजरती रही   कब मिला है ठिकाना ख़ुशी का कोई जिंदगी  रोज़  ग़म  में भटकती रही   डूब रही है ये  बेरोजगारी में ही जिंदगी कब यहां…

मिलन ऐसा भी

Nazm | मिलन ऐसा भी

मिलन ऐसा भी ( Milan Aisa Bhi )   विरह कीअग्नि में जलती इक प्रेयसी जैसे धरती यह भी निहारे है राह प्रियतम अपने की….   सांवरा सा सलोना सा गहराता सा मचलता सा शायद आ रहा होगा किसी इक कोने से नभ के इस ओर या उस छोर से…..   टकटकी लगाये बैठी कब…

जबसे नजरें मिला के रखा है

जबसे नजरें मिला के रखा है | Nazre Shayari

जबसे नजरें मिला के रखा है ( Jab se nazre mila ke rakha hai )   जबसे नजरें मिला के रखा है। हाल  कैसी  बना  के रखा है।। बहार  बनके  तुम  चले  आते, हमने गुलशन सजा के रखा है।। डूब जायेगा तेरा सारा ज़मीर इतने आंसू बहा के रखा है।। कोई  रकीब  ही  दुवा  कर …

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

Ghazal | दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी ( Dil Nahi Mana Kabhi Koi Gulami )     दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी। देनी आती ही नहीं हमको सलामी।।   सीधे-सादे हम तो है उस रब के बंदे। राह सीधी जो चले सन्मार्ग-गामी।।   गलतियों से क्यूं डरे हम इस जहां में। कौन जिसमें है नहीं…

बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से

Ghazal | बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से

बने कातिल झुका ली है हया से ये नज़र जब से ( Bane katil jhuka li hai haya se ye nazar jab se )     बने  कातिल  झुका ली  है हया से ये नज़र जब से। नहीं कुछ होश बाकी है हुआ दिल पे असर तब से।।     नज़र हम से मिलाओ तो…

कहां मुश्किल

Ghazal | कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए

कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए ( Kahan Mushkil Agar Wo Sath Mein Kartar Aa Jaye )   कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए। लगे  कश्ती  किनारे  हाथ  ग़र पतवार आ जाए।।   निभाना होता है मुश्किल ये जीवन साथ में यारो। दिलों के बीच में जब भी कोई…

दिल हुआ आपका दिवाना है

Romantic Ghazal | दिल हुआ आपका दिवाना है

दिल हुआ आपका दिवाना है ( Dil Hua Aapka Deewana Hai )   दिल हुआ आपका दिवाना है। धड़कनों में तुझे बसाना है।। तेरे  दम  से  वजूद  है  मेरा। सांस लेना तो इक बहाना है।। कम नहीं झील से तेरी आंखें। डूब  के  ही  सुकून  पाना है।। भूल सकता नहीं नशा हरगिज़। जो  तेरा  आँख…

Eid Ghazal

Eid Ghazal | ईद पर ग़ज़ल

ईद पर ग़ज़ल ( Eid Par Ghazal )   लिए पैगाम खुशियों का मुबारक ईद आती है। भुलाकर वैर आपस के हमें जीना सिखाती है।।   खुदा के है सभी बंदे भले मजहब कोई भी हो। करो दीदार चंदा का दिलों का तम हटाती है।।   नहीं  कोई  पराया  है  बढ़ाके  हाथ  तो  देखो। गले…

जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू

Dard Bhari Ghazal | जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू

जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू  ( Jindagi kyon teri mar gai aarzoo )     जिंदगी  क्यों  तेरी  मर गई आरजू अब न दिल में कोई भी बची आरजू   चाहकर भी नहीं कुछ उसे कह सका रोज़  दिल  में  तड़फती रही आरजू   ढूंढ़ता  ही  रहा  हूँ  गली दर गली जिंदगी की मेरी…