दिल में इतनी बढ़ गई है दूरियां

Hindi Ghazal on love | दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां

दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां ( Dil mein unse badh gayi hai dooriyan )   दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां।। रास  आने  है  लगी  तन्हाइयां ।।   फ़ासलाअब बढ़ गया है इस कदर।। साथ  रहना  बन  गया  मज़बूरियां।।   ग़म बढ़ा हद से ज़ियादा जब मेरा। दिल को तब भाने लगी…

व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं

Hindi poem on time| व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं

व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं ( Waqt tanha yahan mera katata nahin )   व़क्त तन्हा यहां मेरा कटता नहीं! जिंदगी में हंसी कोई लम्हा नहीं   सिलसिला फ़िर न होता मनाने का ही वो  अगर  मुझसे  नाराज़  होता नहीं   टूट गया है जुड़ने से पहले ही रिश्ता जुड़ा  कोई  उससे  मेरा  रिश्ता…

इक रोज़ हवा बनकर

Hindi poem on love | इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा

इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा ( Ek Roz Hawa Banke Teri Gali Mein Aa Jaunga )   इक रोज़ हवा बनकर, तेरी गली में आ जाऊंगा। मैं  तेरी  जुल्फें  तेरा  आंचल,  लहरा जाऊंगा।।   तेरी  अदा तेरी हंसी, लजबाव है। बोल इतना खुश,क्यूं तू आज है।।   यूं  मुस्कुरा  कर, जान…

सहारे छोड़ के सारे लिया उसका सहारा है

Best hindi ghazal| सहारे छोड़ के सारे लिया उसका सहारा है

सहारे छोड़ के सारे लिया उसका सहारा है (Sahare Chhod Ke Sare Liya Uska Sahara Hai)   सहारे  छोड़  के  सारे  लिया  उसका  सहारा है। जहां के साथ में हरग़िज नहीं अपना गुजारा है।।   बिना  मांगे  हमें  देता  वही जो चाहिए हमको। बशर से मांगना हमको नहीं हरगिज़ गवारा है।।   सुखों  को  तू …

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

Hindi Ghazal on love | मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है ( Muhabbat KI  Khushboo Se Man Bhara Hai )     मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है! गुलाबी फ़ूल मन में खिल रहा है   मुहब्बत में हुआ घायल मैं ऐसा किसी की तीर आंखों का चला है   रहा वो ग़ैर बनकर रोज़ मुझसे हंसी चेहरा…

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद | Ghazal on love

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद ( Shisha-e-Dil Pe Jami Hai Dhool Shayad )   शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद। देखने  में  हो  रही  है  भूल शायद।।   आरजू होती नहीं सब दिल की पूरी। हर दुआ होती नहीं मक़बूल शायद।।   एक साया-सा नज़र आया है हम को। दूर  अब  तो  है नही…

दें गयी इश्क़ में मात वो

दें गयी इश्क़ में मात वो | Shayari Ishq mein

दें गयी इश्क़ में मात वो ( De Gayi Ishq Mein Maat Wo )   दें  गयी  इश्क़  में मात वो कह गयी कुछ ऐसी बात वो   आज वो हो रही ख़ुश बहुत छेड़कर दिल के नग्मात वो   अनसुना  करती  रहा  रोज़ ही कब समझें दिल के जज्बात वो   जो  नहीं  यार …

फूलों का रंग रखिए,बरकरार हमेशा

फूलों का रंग रखिए,बरकरार हमेशा || hindi ghazal on nature

फूलों का रंग रखिए,बरकरार हमेशा ( Phoolon Ka Rang Rakhiye, Barkarar Hamesha )   फूलों  का  रंग  रखिए, बरकरार हमेशा। इस वास्ते गुलशन से करें,प्यार हमेशा।   कौन मौज में यहां, है मुफलिसी में कौन, यही  जानने  को पढ़िए,अखबार हमेशा।   जिसके ज़िगर में हौसलों का रंग नहीं है। वो  शख्स  ही  बदरंग है, लाचार…

पी नज़रों के पैमानों में

Poem Nazron ke Paimano | पी नज़रों के पैमानों में

पी नज़रों के पैमानों में ( Pee Nazron Ke Paimano Mein )   पी  नज़रों  के  पैमानों  में। क्यूं सुख ढूंढे मयखानों में।।   जब दिल में ग़म गुलशन फीका। रौनक    लगती    वीरानों   में।।   बात चमन के फूलों में जो। बात कहां वो गुलदानों में।।   जो शान तेरी महफिल में है।…

वो गूंज

Nazm Woh Goonj | वो गूंज

वो गूंज ( Woh Goonj )   वो गूंज वो सदा जो उठती है मुझसे     पहुँचती है तुम तलक छूकर कभी नाद करती है कभी नहीं भी   बिखर जाती है बीच खला में खाली सी तरंगे हवा की आजाती है फिर भरने को   शंख ह्रदय का बस इक वही बरसों का…