दें गयी इश्क़ में मात वो
दें गयी इश्क़ में मात वो

दें गयी इश्क़ में मात वो

( De Gayi Ishq Mein Maat Wo )

 

दें  गयी  इश्क़  में मात वो

कह गयी कुछ ऐसी बात वो

 

आज वो हो रही ख़ुश बहुत

छेड़कर दिल के नग्मात वो

 

अनसुना  करती  रहा  रोज़ ही

कब समझें दिल के जज्बात वो

 

जो  नहीं  यार  मेरा  हुआ

ख़्वाब  में  आया  रात  वो

 

प्यार की बारिश करती नहीं

नफ़रत की करती बरसात है

 

लूटकर प्यार आज़म ख़ुशी

कर गयी ग़म के हालात वो

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

 

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