बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ | Chhand Beti Bachao Beti Padhao
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ
( Beti Bachao Beti Padhao )
मत मारो मां कोख में,
चिड़िया सी उड़ जाऊं।
रह लूंगी भूखी प्यासी,
जन्म लेने दीजिए।
बेटी घर का मान है,
मात पिता अभिमान।
उड़ाने भरे आसमां,
थोड़ा प्यार कीजिए।
घर श्मशान सा लगे,
जहां विरान सा लगे।
बेटियां करें रोशन,
मुस्कान तो दीजिए।
बेटी दुर्गा महाशक्ति,
बेटी लक्ष्मी अवतार।
बेटियों को संसार में,
दुलार भी दीजिए।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )