चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर
चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर

चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर

 

( Chori Chori Chupke Chupke Mila Kar )

 

सभी के सामने गुल मत दिया कर!

चोरी चोरी चुपके चुपके मिला कर

 

दिल में जो बात है बोला कर मुझसे

निगाहों से इशारे मत किया कर

 

भूला दें तू सितम उसके सभी अब

न यूं आहें मुहब्बत में भरा कर

 

नज़ाकत सी ज़रा छोड़ो सनम ये

कभी तो प्यार से तू मुस्कुरा कर

 

भुला दें उम्र भर दिल से उसे तू

न यूं यादों में ही उसकी जला कर

 

ज़ुबां तल्ख़े छोड़ो करनी मगर ये

मुहब्बत की कभी बातें करा कर

 

छोड़ो करने गिले यूं रोज़ मुझसे

मुहब्बत से ही आज़म से मिला कर

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : – 

Sad Ghazal -पराया वो जब से चेहरा हुआ है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here